1st Bihar Published by: Ganesh Samrat Updated Sat, 27 Dec 2025 01:55:48 PM IST
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Digital Land Service : बिहार सरकार ने पारिवारिक भूमि बंटवारे की जटिल और लंबी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक बड़ी पहल की है। राज्य में आज से बंटवारा दाखिल-खारिज पोर्टल की शुरुआत कर दी गई है, जिससे अब एक ही आवेदन में परिवार के सभी सदस्यों के नाम जमाबंदी कायम हो सकेगी। इस नई व्यवस्था से आम रैयतों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। यदि आवेदन के दौरान किसी प्रकार की तकनीकी समस्या आती है, तो नागरिक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18003456215 पर कॉल कर जानकारी और सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
नई सरकार के गठन के बाद प्रशासनिक सुधारों को लेकर तेज़ी देखने को मिल रही है। केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार के संकल्प के अनुरूप बिहार सरकार लगातार जनहित में फैसले ले रही है। इसी कड़ी में भूमि सुधार की दिशा में यह नई पहल शुरू की गई है, जो वर्षों से चली आ रही बंटवारा और दाखिल-खारिज की समस्याओं का समाधान करेगी।
अब तक पारिवारिक भूमि के बंटवारे के बाद हर हिस्सेदार को अलग-अलग अपने हिस्से की जमीन का दाखिल-खारिज कराना पड़ता था। यह प्रक्रिया न केवल समयसाध्य थी, बल्कि कई बार तकनीकी अड़चनों और जानकारी के अभाव में लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। नई व्यवस्था के तहत एक ही दाखिल-खारिज आवेदन में परिवार के सभी सदस्यों की जमाबंदी कायम हो जाएगी। इससे समय की बचत होगी और प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
सरकार ने भूमि एवं राजस्व विभाग के भीतर इस व्यवस्था में सुधार के लिए स्पष्ट निर्देश दिए। विभागीय अधिकारियों को कहा गया कि ऐसी प्रणाली विकसित की जाए, जिससे आम रैयतों को अधिकतम सुविधा मिले। इसके बाद प्रधान सचिव के नेतृत्व में विभागीय टीम ने इस दिशा में काम करते हुए नई व्यवस्था तैयार की, जिसे अब औपचारिक रूप से लागू कर दिया गया है।
बिहार भूमि पोर्टल के अंतर्गत लागू
यह नई सुविधा बिहार भूमि पोर्टल पर उपलब्ध दाखिल-खारिज सेवा के अंतर्गत लागू की जा रही है। नागरिक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर सकेंगे और अपनी जमीन से जुड़ी जमाबंदी की स्थिति को आसानी से देख सकेंगे। डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और बिचौलियों की भूमिका सीमित होगी।
मौखिक बंटवारे को कागजी बनाना क्यों ज़रूरी?
सरकार ने विशेष रूप से उन लोगों से अपील की है, जिन्होंने अब तक मौखिक बंटवारा करके अपनी जमीन पर कब्जा बना रखा है। ऐसे मामलों में अक्सर भविष्य में पारिवारिक विवाद उत्पन्न हो जाते हैं। मौखिक बंटवारा कानूनी दस्तावेज़ों में दर्ज नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का लाभ लेने में भी परेशानी आती है। नई व्यवस्था के तहत मौखिक बंटवारे को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज कर कागजी रूप दिया जा सकता है, जिससे विवादों की संभावना कम होगी।
भूमि विवादों पर लगेगी रोक
भूमि विवाद बिहार की एक बड़ी समस्या रही है। पारिवारिक बंटवारे के स्पष्ट दस्तावेज़ न होने से मामले अदालतों तक पहुंच जाते हैं, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है। बंटवारा दाखिल-खारिज पोर्टल से उम्मीद की जा रही है कि ऐसे विवादों में कमी आएगी और लोगों को समय पर न्याय मिलेगा।
दलालों पर भी लगेगा अंकुश
नई ऑनलाइन व्यवस्था से दलालों की भूमिका पर भी रोक लगेगी। पहले जानकारी के अभाव में कई लोग बिचौलियों के चक्कर में फंस जाते थे, जिससे उन्हें अतिरिक्त पैसे देने पड़ते थे। अब सरकार ने हेल्पलाइन और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से आम नागरिकों को सीधे सेवा से जोड़ने का प्रयास किया है।
तकनीकी सहायता के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन
यदि किसी आवेदक को पोर्टल पर आवेदन करते समय या दस्तावेज़ अपलोड करने में परेशानी आती है, तो वे टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 18003456215 पर कॉल कर सहायता प्राप्त कर सकते हैं। कॉल सेंटर पर प्रशिक्षित कर्मी नागरिकों को पूरी जानकारी देंगे और समस्याओं का समाधान करेंगे।
आम रैयतों के हित में बड़ा कदम
कुल मिलाकर, बंटवारा दाखिल-खारिज पोर्टल की शुरुआत को आम रैयतों के हित में एक बड़ा और दूरगामी कदम माना जा रहा है। इससे न केवल भूमि से जुड़े मामलों में पारदर्शिता आएगी, बल्कि पारिवारिक शांति और सामाजिक स्थिरता को भी बल मिलेगा। सरकार का यह प्रयास निश्चित रूप से भूमि सुधार के क्षेत्र में एक नई मिसाल कायम करेगा।