1st Bihar Published by: Dheeraj Kumar Updated Sat, 27 Dec 2025 12:36:16 PM IST
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Bihar News: जमुई जिले के चकाई प्रखंड स्थित बाल संरक्षण इकाई के वृहद आश्रय गृह में शुक्रवार सुबह 17 वर्षीय किशोर राहुल कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। राहुल पिछले छह वर्षों से बाल संरक्षण इकाई की देखरेख में रह रहा था।
जानकारी के अनुसार, वर्ष 2019 में राहुल को मलयपुर थाना क्षेत्र के बाबा ढाबा से चाइल्ड लाइन के माध्यम से बाल संरक्षण गृह लाया गया था। नूमर गांव के एक व्यक्ति ने उस समय बच्चे के भटकने की सूचना दी थी। राहुल के माता-पिता का अब तक कोई पता नहीं चल सका था और वह अनाथ बच्चे के रूप में आश्रय गृह में रह रहा था।
सूत्रों के मुताबिक, राहुल की मौत आश्रय गृह के स्टाफ की कथित लापरवाही के कारण हुई है। बताया जा रहा है कि गुरुवार रात उसे दूध और रोटी दी गई थी। देर रात वह बाथरूम में पेंट से सना हुआ पाया गया, जिसके बाद उसे जबरन ठंडे पानी से नहलाया गया।
राहुल नहाने से मना कर रहा था और उसकी तबीयत ठीक नहीं थी, बावजूद इसके स्टाफ द्वारा ठंडे पानी से नहलाने की प्रक्रिया जारी रखी गई। कुछ अन्य बच्चों और कर्मचारियों ने भी इसका विरोध किया, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई।
सूत्रों का कहना है कि ठंडे पानी से नहलाने के दौरान राहुल की तबीयत बिगड़ गई और शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई। प्रारंभिक तौर पर आशंका जताई जा रही है कि ठंड के प्रभाव और स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण उसकी जान गई।
राहुल के शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल, जमुई भेजा गया, जहां मेडिकल बोर्ड की टीम ने पोस्टमार्टम किया। आश्रय गृह में दवा देने वाली कर्मी कविता ने बताया कि राहुल का पिछले दो वर्षों से पटना के पीएमसीएच में इलाज चल रहा था।
इस मामले में बाल संरक्षण इकाई के सीपीओ बलबीर कुमार चंद और चकाई के सीपीओ मनोज कुमार ने किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें मीडिया से बातचीत करने का अधिकार नहीं है। वहीं, एडीसीपी काजल मोदी ने मोबाइल पर बताया कि वे अवकाश पर हैं और उन्हें फिलहाल इस घटना की जानकारी नहीं है।
बताया गया है कि घटना के समय रात की ड्यूटी अंकित कुमार की थी। आश्रय गृह में मिथिलेश, दीपक सहित अन्य कर्मचारी भी कार्यरत हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई के उच्चाधिकारियों ने जांच के आदेश दे दिए हैं। घटना से जुड़े सभी कर्मचारियों और आश्रय गृह में मौजूद बच्चों से पूछताछ की जाएगी। इस घटना के बाद लोग बाल संरक्षण गृहों में बच्चों की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं।