दरभंगा ब्लास्ट: NIA को जांच का जिम्मा सौंपेगा गृह मंत्रालय, धमाके के पीछे आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका

दरभंगा ब्लास्ट: NIA को जांच का जिम्मा सौंपेगा गृह मंत्रालय, धमाके के पीछे आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका

DARBHANGA : दरभंगा स्टेशन पर बीते 17 जून को हुए पार्सल ब्लास्ट के तार अब देश के बाहर से जुड़े होने की बात सामने आ रही है. फिलहाल इस मामले की जांच तीन राज्यों (बिहार, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना) की ATS एक साथ कर रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए पटना में एक हाई लेवल मीटिंग भी चल रही है. इस मीटिंग में बिहार रेल पुलिस के सीनियर अधिकारियों के साथ ही ATS के अधिकारी, FSL के सीनियर अधिकारी, उत्तर प्रदेश से आई ATS की टीम शामिल है. इनके साथ वर्चुअल तरीके से तेलंगाना ATS की टीम जुटी है. माना जा रहा है कि इस मीटिंग के बाद तीनों राजियों की ATS अबतक हुए जांच के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगी. 


मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय आज शाम तक NIA को सौंप देगी जिसके बाद आगे की जांच NIA करेगी. आपको बता दें कि अब तक की जांच में धमाके के पीछे बड़ी आतंकी साजिश और इसके तार पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने के पक्के सबूत मिले हैं. साथ ही साजिश में शामिल संदिग्धों के बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश से होने की वजह से जांच की जिम्मेदारी एनआईए को सौंपी जा सकती है. 


क्या है पूरा मामला

आपको बता दें कि तेलंगाना के सिकंदराबाद स्टेशन से एक पार्सल ट्रेन से दरभंगा भेजा गया था. 17 जून को जब पार्सल दरभंगा स्टेशन पर उतारा जा रहा था तभी प्लेटफॉर्म पर कम क्षमता का एक धमाका हुआ. धमाके की वजह किसी को समझ में नहीं आई. जीआरपी के बाद इसकी जांच में एटीएस और एफएसएल को लगाया गया. पार्सल में कपड़ों के अलावा एक शीशी थी जिसमें कुछ केमिकल रखा गया था. ब्लास्ट इसी केमिकल की वजह से हुआ. हालांकि अब तक की जांच में मालूम नहीं चला है कि केमिकल कौन सा था. शीशी और उसके नमूनों की जांच के लिए एफएसएल हैदराबाद भेजी गई है. 


ब्लास्ट की जांच में तीन राज्यों की एटीएस जुटी है. सूत्रों के मुताबिक अब तक चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. यह कार्रवाई देश के अलग-अलग हिस्सों में की गई है. जांच एजेंसियां हिरासत में लिए गए संदिग्धों को लेकर कोई खुलासा करने से बच रही हैं. आधिकारक सूत्रों ने बताया कि मामले के पीछे बड़ी आतंकी साजिश और इसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने के चलते जांच का दायरा बढ़ सकता है. इसीलिए ब्लास्ट की जांच का जिम्मा जल्द एनआईए को मिलने की उम्मीद है.