RAXAUL: बिहार में शराबबंदी ने सीमा पार नेपाल में शराब के कारोबारियों की पौ बारह कर दी है. नये साल के मौके पर तो बिहार की सीमा से सटे नेपाली इलाकों में खास इंतजाम किये गये हैं. बिहार से सटे नेपाली बाजारों में लगभग हर दुकान में पीने-खाने का इंतजाम कर दिया गया है. सैकड़ों घरों को लॉज और होटल में तब्दील कर दिया गया है ताकि रात भी वहीं गुजार सके. उधर बिहार पुलिस ने भी शराब पीकर वापस लौटने वालों के लिए खास व्यवस्था की है.
नेपाल में पांच गुणा बढ़ी शराब की दुकानें
दरअसल बिहार में शराबबंदी का भरपूर फायदा नेपाल के कारोबारों को हुआ है. बिहार बार्डर के पास के इलाके में शराब बेचने वालों की तादाद कम से कम पांच गुणा बढ़ी है. भारी तादाद में बिहार के लोग उन बाजारों में पहुंच भी रहे हैं. धंधा सिर्फ शराब का ही नहीं फल-फूल रहा है बल्कि कम किराये वाले होटल औऱ लॉज की भी हाई डिमांड है. बिहार में सख्ती बढ़ी है तो पीने के लिए नेपाल जाने वाले वहीं रात गुजारने का प्लान बनाकर भी जा रहे हैं.
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल से सटे नेपाल के बारा और परसा में पहले तकरीबन 50 दुकानों में शराब बिकती थी. अब उनकी संख्या लगभग तीन सौ हो गयी है. रक्सौल बार्डर के पास तो नो मेंस लैंड में भी शराब की कई दुकानें खोल दी गई थीं. लेकिन बिहार सरकार और एसएसबी की आपत्ति के बाद पिछले दिनों दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई थी. इसके बाद तय किया गया कि बार्डर से इन दुकानों को दो किमी दूर किया गया. मधुबनी के हरलाखी के आगे बार्डर के पास नेपाली क्षेत्र में पहले शराब की सिर्फ 12 दुकानें थीं. अब उनकी संख्या 100 से ज्यादा हो गयी है. शराब की ये दुकानें बिहार की सीमा खत्म होने के सिर्फ 200 मीटर की दूरी पर मिलनी शुरू हो जाती हैं.
बिहार के बगहा में सुस्ता, 36 नंबर फाटक, त्रिवेणी, गाइड बांध, ठठिया खोला, रानीनगर, दो नहर जैसे इलाकों के पार नेपाली सीमा में शराब बेचने वालों की पौ बारह है. स्थानीय लोग बताते हैं कि इन इलाकों में पहले शराब की बमुश्किल 20 दुकान थी. अब उनकी तादाद 70 से ज्यादा हो चुकी है. पश्चिम चंपारण जिले के सिकटा, इनरवा, भिखनाठोरी जैसे इलाके नेपाल की सीमा से लगे हैं. वहां 100 से ज्यादा शराब की नयी दुकानें खुल गयी हैं.
नये साल में खास इंतजाम
नेपाल के वीरगंज के एक कारोबारी धान बहादुर थापा ने बताया कि 30 दिसंबर की रात से ही वीरगंज के तमाम होटल औऱ लॉज फुल हैं. 31 दिसंबर के दोपहर से रेस्टोरेंट औऱ बार में बैठने की जगह मिलना भी मुश्किल हो रहा है. बिहार के हजारों लोग नये साल का जश्न मनाने वीरगंज पहुंचे हैं. वीरगंज ही नहीं बल्कि नेपाल के नारायण घाट से लेकर पोखरा औऱ काठमांडो जैसे शहर भी बिहारियों से भरे पड़े हैं.
बिहार पुलिस ने वापस लौटने वालों के लिए किया इंतजाम
नेपाल में पीने-पिलाने पर बिहार की पुलिस कुछ कर तो नहीं सकती. हां उसने पीकर वापस लौटने वालों के लिए इंतजाम जरूर किया है. पूर्वी चंपारण के रक्सौल के डीएसपी चंद्रप्रकाश ने बताया कि नये साल के मौके पर नेपाल से शराब पीकर आनेवालों पर विशेष नजर रखी जा रही है. इसके लिए शहरी से लेकर ग्रामीण रास्तों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है. उधर सीतामढ़ी पुलिस ने भी बार्डर के रास्तों पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की है. ताकि पीकर वापस लौटने वालों को दबोचा जा सके. पश्चिम चंपारण, मधुबनी जैसे जिलों में भी सीमा वाले इलाके में पुलिस की तैनाती की गयी है.