ब्रेकिंग न्यूज़

बारिश में भी चला RJD का जनसंपर्क अभियान, रामबाबू सिंह बोले..“बड़हरा में विकास और बदलाव दोनों तय हैं” देसी कट्टा के साथ कुख्यात अपराधी गिरफ्तार, बेटे ने हथियार लहराकर वायरल किया था वीडियो Bihar Education News: शिक्षा विभाग के इस DPO ने नहीं किया काम तो पहले हुए सस्पेंड...फिर मिला यह दंड, जानें.... Bihar Election 2025 : 'अब बदलाव का समय, बनाना होगा नया बिहार...', बोले मुकेश सहनी - कुर्सी की लालच में बिहार को भूल गए नीतीश कुमार Bihar Election 2025 : अमित शाह की नालंदा रैली से पहले यह इलाका बना ‘नो-फ्लाई जोन’, यह शहर बना ‘रेड जोन’ Bihar News: 12 साल पुरानी फाइलें बंद...अधिकारियों को मिली राहत, बिहार सरकार ने एक झटके में 17 अफसरों को दे दी क्लीनचिट BIHAR NEWS : पश्चिम चंपारण में दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो की मौत, बगहा क्षेत्र में छाया मातम Bihar Police : PMCH से इलाज के दौरान कैदी फरार, बाथरूम की खिड़की तोड़कर दिया पुलिस को चकमा; मची अफरातफरी मुख्यमंत्री की वैकेंसी ! नीतीश कुमार को फिर से CM की कुर्सी मिलेगी ? दरभंगा में 'अमित शाह' ने कर दिया क्लियर...जानें Bihar News: बिहार में सेमीकंडक्टर क्लस्टर और डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का होगा निर्माण, लाखों युवाओं को मिलेगा रोजगार

Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन विवाद के बीच चुनाव आयोग का X पर पोस्ट, दिया अनुच्छेद 326 का हवाला

Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन को लेकर जारी विवाद के बीच चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 326 का हवाला देते हुए स्पष्ट किया है कि गहन पुनरीक्षण पूरी तरह से संवैधानिक प्रक्रिया है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 09 Jul 2025 05:11:28 PM IST

Bihar Election 2025

- फ़ोटो google

Bihar Election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए नाराजगी जाहिर की है। यहां तक कि आरजेडी सांसद मनोज झा ने इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।


इसी विवाद के बीच, चुनाव आयोग ने अपने एक्स पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 326 को पोस्ट किया है। यह अनुच्छेद वयस्क मताधिकार के आधार पर चुनावों में भागीदारी की गारंटी देता है। इसके अनुसार, भारत का हर नागरिक जो 18 वर्ष या उससे अधिक आयु का है और सामान्य रूप से किसी निर्वाचन क्षेत्र में निवास करता है, वह मतदाता के रूप में पंजीकरण का हकदार है।


चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण संविधान के नियमों के तहत हो रहा है। आयोग की मंशा यह सुनिश्चित करना है कि वोटर लिस्ट में केवल वैध नागरिकों के नाम हों और अपात्र नामों को हटाया जाए। संविधान के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति के पास नागरिकता का पुख्ता प्रमाण नहीं है, वह अपराधी है या मानसिक रूप से अस्थिर है, तो उसे मतदान का अधिकार नहीं दिया जा सकता।