नए बहाल टीचरों के स्कूल पोस्टिंग को लेकर 4 अधिकारियों को मिला बड़ा जिम्मा, सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा काम

नए बहाल टीचरों के स्कूल पोस्टिंग को लेकर 4 अधिकारियों को मिला बड़ा जिम्मा, सॉफ्टवेयर के माध्यम से होगा काम

PATNA : बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित एक लाख 20 हजार 336 शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने में शिक्षा विभाग जुट गया है। इसको लेकर विभाग ने एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित किया है। अब  इसी के माध्यम से शिक्षकों को स्कूल आवंटित किया जाएगा। ऐसे में पाठक में यह साफ़ कर दिया है कि इस दफेशिक्षकों की पोस्टिंग में जिला शिक्षा पदाधिकारी की मनमानी नहीं चलेगी, बल्कि मुख्यालय स्तर से सभी काम किए जाएंगे। ऐसे में अब शिक्षक रैंडमाइजेशन संबंधी जिलों से प्राप्त प्रस्ताव पर आगे की कार्यवाई को लेकर 4 अधिकारी को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है। 


दरअसल, शिक्षा विभाग ने यह भी साफ किया है कि जिला स्तर पर नियुक्तिपत्र वितरण कार्यक्रम की अध्यक्षता सबंधित जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे। बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित शिक्षकों का विद्यालय आवंटन साफ्टवेयर द्वारा किया जाना है। इस आलोक में शिक्षक रैंडमाइजेशन संबंधी जिलों से प्राप्त प्रस्ताव पर आगे की कार्यवाई किया जाना है। इसके आलोक में 4 उप-निदेशको को प्रोग्रामर के साथ प्रतिनियुक्त किया गया है। अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आदेश दिया है कि ये सभी इस कार्य को गंभीरतापूर्वक निष्पादित करेंगे। इस कार्य के लिए रवि शंकर सिंह, अपर राज्य परियोजना निदेशक, बिहार,शिक्षा परियोजना परिषद को नोडल पदाधिकारी नामित किया गया है।अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने आदेश दिया है कि ये सभी इस कार्य को गंभीरतापूर्वक निष्पादित करेंगे।


वहीं,  जिन 4 उप निदेशकों को प्रतिनियुक्त किया गया है उनमें संजय कुमार चौधरी, उप निदेशक, प्राथमिक शिक्षा,अब्दुस सलाम अंसारी, उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा, नीरज कुमार, उप निदेशक, प्राथमिक शिक्षा और अमर भूषण, उप निदेशक, माध्यमिक शिक्षा शामिल हैं। शिक्षा विभाग ने कहा है की ये सभी अधिकारी आदेश के आलोक में गंभीरतापूर्वक कर्त्तव्यों का निर्वहन करेंगे और प्रतिदिन प्रगति प्रतिवेदन से नोडल पदाधिकारी रवि शंकर सिंह को अवगत कराएंगे। केके पाठक के आदेश पर निदेशक प्रशासन ने पत्र जारी किया है। 


मालूम हो कि, विभाग की तैयारी है कि नये शिक्षकों से संबंधित हर जानकारी एक अलग सॉफ्टवेयर में दर्ज रहेगी। इतना ही नहीं शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, प्रामणपत्र की जांच से संबंधित जानकारी भी इसमें दर्ज की जाएगी। इसके बाद किसी भी शिक्षक से जुड़ी कोई भी नई बात उसमें दर्ज होती जाएगी। यह सॉफ्टवेयर ही शिक्षकों को अलग-अलग स्कूल आवंटित कर देगा।किस शिक्षक को कौन सा स्कूल आवंटित होगा, इसमें पदाधिकारियों व कर्मियों की कोई भूमिका नहीं रहेगी। 


आपको बताते चलें कि, सभी शिक्षकों को जिला आवंटित पहले ही कर दिया गया है। किस शिक्षक को किस जिले में योगदान करना है, यह पहले से तय है। इसको लेकर उसी जिले में शिक्षकों की काउंसिलिंग हो रही है। लेकिन, उन्हें आवंटित जिले के किस प्रखंड के कौन से स्कूल में योगदान करना है, यह सॉफ्टवेयर ही तय करेगा।