ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार के इन जिलों में इंडस्ट्रियल हब का निर्माण, रोजगार की आने वाली है बाढ़.. Bihar News: बिहार के इन जिलों में एयरपोर्ट का निर्माण, गया हवाई अड्डे को बनाया जाएगा इस मामले में खास.. ISM पटना में व्याख्यान का आयोजन: इसके माध्यम से युवाओं को मिला लैंगिक संवेदनशीलता का संदेश Bihar Cabinet Meeting: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला...इस विभाग में 459 लिपिक की होगी बहाली..इन आंदोलनकारियों की पेंशन राशि में भारी वृद्धि अररिया में लूट की कोशिश नाकाम: एक्सीडेंट में घायल हुए दो बदमाश, ग्रामीणों ने हथियार के साथ पकड़ा Bihar Education News: 1st Bihar की खबर का बड़ा असर, भ्रष्टाचार में लिप्त A.E. की सेवा होगी समाप्त.. शिक्षा विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, करप्शन की जांच के लिए 3 सदस्यीय कमेटी Patna News: पटना में स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से होगी निगरानी Patna News: पटना में गंदगी फैलाने वालों पर होगी कड़ी कार्रवाई, इस दिन से अभियान शुरू Janmashtami 2025: जन्माष्टमी पर क्यों तोड़ी जाती है दही हांडी? जानिए... इस परंपरा का इतिहास और महत्व Bihar News: बिहार में मिला इतने हजार करोड़ का खनिज, खजाने की ई-नीलामी की तैयारी में जुटी केंद्र सरकार

नवदुर्गा के पांचवे स्वरूप की पूजा आज, स्कंदमाता की आराधना कर रहे हैं भक्त

1st Bihar Published by: Updated Sun, 29 Mar 2020 10:42:38 AM IST

नवदुर्गा के पांचवे स्वरूप की पूजा आज, स्कंदमाता की आराधना कर रहे हैं भक्त

- फ़ोटो

DESK : चैत्र नवरात्रि का आज पांचवां दिन है. नवरात्री के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है. कहा जाता है स्कंदमाता की कृपा से शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने और कठिन परिस्थितियों से उबरने में मदद मिलती है. नि:संतान दंपत्ति यदि स्कंदमाता की पूजा करें तो उन्हें संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है. 

स्कंदमाता का स्वरूप
स्कंदमाता का अर्थ है स्कंद की मां. भगवन कार्तिकेय का दूसरा नाम स्कंद है. जब मां पार्वती ने स्कंद को जन्म दिया तो स्कंदमाता कहलाई. देवी दुर्गा का पांचवां स्वरुप बेहद सौम्य है. सिंह पर सवार मां अपनी गोद में स्कंद कुमार को बैठाये हुए हैं. स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं. वे अपने बाएं हाथ से सनतकुमार को पकड़ी हैं और दाएं हाथ को अभय मुद्रा में रखते हुए भक्तों को आशीर्वाद देती है, अन्य दो हाथों में कमल पुष्प धारण करती हैं. मां दुर्गा का स्कंदमाता स्वरूप अदम्य साहस और करुणा से परिपूर्ण है. स्कंदमाता की आराधना करने से भगवान कार्तिकेय की कृपा भी बनी रहती है.

पूजा विधि
नवरात्रि के पांचवे दिन रविवार की सुबह स्नानादि से निवृत हो जाने के बाद स्कंदमाता की विधि विधान से पूजा करें. मां की पूजा करने के लिए उन्हें सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें. मां को लाल रंग का पुष्प जरूर अर्पित करें. देवी दुर्गा के पूजा में लाल पुष्प का विशेष महत्व है.  इसलिए पूजा में माता को गुड़हल या लाल गुलाब अर्पित करना चाहिए. इसे अर्पित करने से माता अत्यंत प्रसन्न होती है और आपकी मनोकामनाओं को पूरी करती है.

माता का मंत्र

ओम देवी स्कन्दमातायै नमः॥ 

        या 

या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

किसी भी मंत्र का 108 बार जप करें

स्कंदमाता की कथा 

स्कंदमाता यानी स्कंद की मां. कार्तिकेय माता पार्वती और भगवान शिव के बड़े पुत्र है, उनका एक नाम स्कंद भी है. जब माता पार्वती ने स्कंद को जन्म दिया, उसके बाद वो स्कंदमाता कहलाने लगीं. हालांकि एक और मान्यता है कि आदिशक्ति जगदम्बा ने बाणासुर के अत्याचार से संसार को मुक्त कराने के लिए अपने तेज से एक बालक को जन्म दिया.