Sonepur Mela: विश्वप्रसिद्ध सोनपुर मेला में बिहार पुलिस की प्रदर्शनी, DGP विनय कुमार ने किया उद्घाटन Bihar Crime News: दहेज के लिए बहू की हत्या? पिता बोले- "खेत बेचकर दिया था पैसा, फिर भी ले ली जान" Bihar Politics: नीतीश कैबिनेट में HAM को मिलेंगे कितने मंत्री पद? जीतन राम मांझी ने खुद बताया Bihar Politics: नीतीश कैबिनेट में HAM को मिलेंगे कितने मंत्री पद? जीतन राम मांझी ने खुद बताया Patna News: पटना में बाइक राइडर को थप्पड़ मारने वाले 2 पुलिसकर्मी सस्पेंड, स्टंट करने वाले युवक पर भी एक्शन Road Accident: सऊदी अरब में 42 भारतीयों की मौत, डीज़ल टैंकर से जोरदार टक्कर के बाद बस में लगी आग Road Accident: सऊदी अरब में 42 भारतीयों की मौत, डीज़ल टैंकर से जोरदार टक्कर के बाद बस में लगी आग Bihar News: डेयरी की आड़ में चलता था हथियारों का धंधा, पुलिस ने 6 तस्करों को दबोचा Nitish Kumar Bihar : कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने की सिफारिश: 19 नवंबर को इस्तीफा देकर नई सरकार बनाने का दावा करेंगे नीतीश Bihar Politics: ‘सनातन धर्म की जीत’, शपथ ग्रहण से पहले पटना में लगे पोस्टर ने खींचा सबका ध्यान
1st Bihar Published by: Updated Fri, 31 Jul 2020 09:52:37 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने सरकार की नई शिक्षा नीति के हवाले से कहा कि इस नीति में शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक अथवा कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की बात कही गई है मगर बिहार में अल्प वेतन पर नियोजित शिक्षकों से न सिर्फ काम लिया जा रहा है बल्कि नियोजन भी बदस्तूर जारी है। सरकार को नियोजन के आधार व अल्प वेतन पर शिक्षकों की नियुक्ति पर तात्कालिक प्रभाव से रोक लगानी चाहिए और नियमित वेतनमान पर योग्य एवं कुशल शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जानी चाहिए ।
शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से किया जाए मुक्त
संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से पुरी तरह मुक्त की जानी चाहिए। शिक्षा नीति में स्पष्ट है कि जब तक शिक्षकों का आकर्षक, सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है। शिक्षा को पंचायती राज से मुक्त करने तथा माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के तहत शिक्षा का मौलिक अध्किार प्रदान किया गया है जो बेहतर और स्वागत योग्य कदम है।
जीडीपी का दस प्रतिशत शिक्षा पर किया जाए खर्च
अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर जीडीपी का छह प्रतिशत तक खर्च करने की बात कही गई है मगर वर्तमान परिवेश में दस प्रतिशत खर्च होना चाहिए। जिसमें पिछड़े राज्यों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मिलती और ना सिर्फ वहां के साधन संसाधन विकसित होते बल्कि समान रूप की शिक्षा कायम करने की घोषणा भी सही मायने में सफलीभूत होती। उन्होंने कहा कि समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु पड़ोस पद्धति के माध्यम की बात कही गयी है। जिससे स्पष्ट है कि शिक्षा व विद्यालयों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है। ऐसा न हो कि मात्रात्मक शिक्षा का विकास हो मगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास एक बार फिर सपना ही रह जाए।