ब्रेकिंग न्यूज़

Patna News: वोटर अधिकार यात्रा को लेकर पटना में ट्रैफिक डायवर्जन और स्कूल बंद, जानें... पूरी डिटेल BIHAR: मुखिया प्रतिनिधि की स्कॉर्पियो पर फायरिंग, बाल-बाल बचे 7 लोग पूर्णिया के 7 वर्षीय वेदांत ने रचा इतिहास, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम Most Dangerous Batsman: सुरेश रैना के अनुसार ये हैं दुनिया के 3 सबसे खतरनाक T20 बल्लेबाज, बिहारी बाबू के लिए बोल गए विशेष बात India Submarine Deals: समुद्र में ताकत बढ़ाने के लिए पनडुब्बी के 2 बड़े सौदे करने चला भारत, ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा होंगे खर्च Unbreakable Cricket Records: असंभव सा है क्रिकेट के इन 10 रिकॉर्ड्स को तोड़ पाना, कोशिश बहुतों ने की मगर सारे हुए फेल बिहार में नहीं थम रहा जमीन विवाद का मामला: सहरसा में 10 कट्ठा जमीन के लिए जमकर मारपीट Bihar Crime News: बिहार में ससुर ने कराई दामाद की हत्या, संपत्ति बेचकर बदमाशों को दी 12 हजार की सुपारी Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर हिंसक झड़प, विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर पथराव; दो चौकीदार घायल Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर हिंसक झड़प, विवाद सुलझाने पहुंची पुलिस टीम पर पथराव; दो चौकीदार घायल

नई शिक्षा नीति के अनुसार हो शिक्षकों की स्थाई और पुरे वेतनमान पर नियुक्ति

1st Bihar Published by: Updated Fri, 31 Jul 2020 09:52:37 AM IST

नई शिक्षा नीति के अनुसार हो शिक्षकों की स्थाई और पुरे वेतनमान पर नियुक्ति

- फ़ोटो

PATNA : बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने सरकार की नई शिक्षा नीति के हवाले से कहा कि इस नीति में शिक्षामित्र, पारा शिक्षक, संविदा शिक्षक अथवा कम वेतन पर नियोजन या नियुक्ति नहीं करने की बात कही गई है मगर बिहार में अल्प वेतन पर नियोजित शिक्षकों से न सिर्फ काम लिया जा रहा है बल्कि नियोजन भी बदस्तूर जारी है। सरकार को नियोजन के आधार व अल्प वेतन पर शिक्षकों की नियुक्ति पर तात्कालिक प्रभाव से रोक लगानी चाहिए और नियमित वेतनमान पर योग्य एवं कुशल शिक्षक की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारंभ की जानी चाहिए ।

शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से किया जाए मुक्त

संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति के प्रावधान के अनुसार शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्य से पुरी तरह मुक्त की जानी चाहिए। शिक्षा नीति में स्पष्ट है कि जब तक शिक्षकों का आकर्षक, सम्मानजनक तथा गरिमापूर्ण वेतनमान नहीं होगा तब तक शिक्षा में गुणात्मक विकास असंभव है। शिक्षा को पंचायती राज से मुक्त करने तथा माध्यमिक विद्यालयों के बच्चों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 (ए) के तहत शिक्षा का मौलिक अध्किार प्रदान किया गया है जो बेहतर और स्वागत योग्य कदम है।

जीडीपी का दस प्रतिशत शिक्षा पर किया जाए खर्च

अभिषेक कुमार ने कहा कि नई शिक्षा नीति में शिक्षा पर जीडीपी का छह प्रतिशत तक खर्च करने की बात कही गई है मगर वर्तमान परिवेश में दस प्रतिशत खर्च होना चाहिए। जिसमें पिछड़े राज्यों को ज्यादा से ज्यादा सहायता मिलती और ना सिर्फ वहां के साधन संसाधन विकसित होते बल्कि समान रूप की शिक्षा कायम करने की घोषणा भी सही मायने में सफलीभूत होती। उन्होंने कहा कि समान व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने हेतु पड़ोस पद्धति के माध्यम की बात कही गयी है। जिससे स्पष्ट है कि शिक्षा व विद्यालयों की जरूरतों को नजरअंदाज किया गया है। ऐसा न हो कि मात्रात्मक शिक्षा का विकास हो मगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विकास एक बार फिर सपना ही रह जाए।