PATNA: बिहार में नयी सरकार बनने के बाद आयोग औऱ बोर्ड-निगम में सत्ताधारी दलों के नेताओं का एडजस्टमेंट शुरू हो गया है. राज्य सरकार ने आज पहले आयोग में अध्यक्ष और सदस्य की नियुक्ति का एलान किया. इसमें नीतीश कुमार की ही चली. जेडीयू के जिम्मे अध्यक्ष पद आय़ा तो राजद के जिम्मे सदस्य का पद. सत्ता में साझीदार तीसरी पार्टी कांग्रेस के जिम्मे कुछ नहीं आया।
अनुसूचित जनजाति आयोग का गठन
राज्य सरकार ने आज अनुसूचित जनजाति आय़ोग के पुनर्गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना में शंभू कुमार सुमन को अनुसूचित जनजाति आय़ोग का अध्यक्ष औऱ स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को आयोग का सदस्य बनाया गया है. शंभू कुमार सुमन जेडीयू के नेता रहे हैं. उन्होंने 2020 का विधानसभा चुनाव जेडीयू के टिकट पर कटिहार के मनिहारी विधानसभा सीट से लड़ा था लेकिन चुनाव हार गये थे. सरकार ने अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष के तौर पर उनका एडजस्टमेंट कर दिया है।
वहीं आयोग की सदस्य बनायी गयीं स्वीटी सीमा हेम्ब्रम राजद की नेत्री रही हैं. वे 2015 में बांका जिले के कटोरिया विधानसभा क्षेत्र से राजद की विधायक रह चुकी हैं. 2020 के चुनाव में उन्होंने फिर से राजद के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. स्वीटी सीमा हेम्ब्रम को अब अनुसूचित जनजाति आय़ोग का सदस्य बनाया गया है।
अनुसूचित जनजाति आयोग के गठन में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जेडीयू-राजद ने आपसी सहमति से इसका गठन कर लिया लेकिन कांग्रेस से औपचारिक बातचीत तक नहीं की गयी. कांग्रेस के नेताओं को तो आय़ोग के गठन की जानकारी तक नहीं थी।
उधर, सूत्रों की मानें तो राज्य में दूसरे आयोगों के साथ साथ बोर्ड-निगम में भी जल्द ही नियुक्ति की जायेगी. इस बाबत भी जेडीयू और राजद में अंडरस्टैंडिंग बन गयी है. जानकार बता रहे हैं कि कांग्रेस को इसमें शामिल करने की कोई प्लानिंग अब तक नहीं है।