DELHI: मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में प्रवर्तन निदेशालय(ED) ने बड़ा खुलासा किया है. ED की रिपोर्ट के मुताबिक मुजफ्फरपुर मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर ने NGO के नाम बड़े पैमाने पर सरकारी पैसे की लूट की. बच्चों और महिलाओं के नाम पर सरकार से मिले करोड़ों रूपये ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों के खाते में ट्रांसफर होते रहे. ED के इस खुलासे के बाद बड़ा सवाल ये है कि क्या राज्य सरकार की मिलीभगत के बगैर ब्रजेश ठाकुर कई सालों तक सरकारी पैसे का गबन करता रहा.
ब्रजेश ठाकुर की लूट पर ED की रिपोर्ट
ब्रजेश ठाकुर और उसके सहयोगियों पर नाबालिग लड़कियों के साथ रेप और हत्या के मामले की जांच CBI कर रही थी. लेकिन प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले साल ही ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू की थी. ED ने ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ सेवा संकल्प विकास समिति को मिले पैसे और उसके गबन के मामले की जांच की. उसकी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर के NGO को मिले सरकारी पैसे का बड़ा हिस्सा ब्रजेश ठाकुर और उसके संबंधियों के खाते में ट्रांसफर किया जाता था. रिपोर्ट के मुताबिक ये साफ है कि एनजीओ सेवा संकल्प विकास समिति को मिल रहे सरकारी पैसे की बड़े पैमाने पर लूट खसोट की गयी. सरकार से सेवा संकल्प विकास समिति को करोडो रूपये मिले जो ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों के खाते में चले गये.
प्रर्वतन निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर का बेटा मेडिकल कॉलेज में पढ रहा था. उसके एनजीओ के खाते से ब्रजेश ठाकुर के बेटे के मेडिकल कॉलेज की फीस भरी गयी. एनजीओ के खाते से पैसे कुछ और लोगों के खाते में भी ट्रांसफर किये गये. उन लोगों ने उस पैसे को बैंक से निकाल कर ब्रजेश ठाकुर को दिये.
ब्रजेश ठाकुर ने कमायी अकूत संपत्ति
प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर ने सरकारी पैसे का गबन कर अकूत संपत्ति बनायी. ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों ने अब तक 1 करोड़ 96 लाख 71 हजार 330 रूपये की आमदनी होने का आयकर रिटर्न दाखिल किया है. लेकिन इसी अवधि में उसने तकरीबन साढ़े पांच करोड़ रूपये की संपत्ति खरीदी. इससे साफ है कि उसे NGO से भारी अवैध कमायी हो रही थी.
ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स रिर्टन भरने में भी ब्रजेश ठाकुर ने बड़ी हेराफेरी की. 2012-13 तक उसने कृषि से आमदनी होने का कोई विवरण नहीं दिया. अचानक से 2013-14 में उसने कृषि से मोटी कमाई होने का विवरण अपने आयकर रिटर्न में दे दिया. ब्रजेश ठाकुर ने 2013-14 में कृषि से साढ़े पांच लाख रूपये की कमाई होने का रिटर्न फाइल किया था. उससे पहले के साल में उसने कृषि से एक भी रूपया कमाई न होने का रिटर्न फाइल किया था. ED ने ब्रजेश ठाकुर की कृषि से कमाई पर मुजफ्फरपुर के सकरा के सीओ से रिपोर्ट मांगी थी. सीओ की रिपोर्ट के मुताबिक ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों की कृषि से कुल कमाई सिर्फ 63 हजार रूपये थी. ED की पूछताछ में ब्रजेश ठाकुर और उसकी मां मनोरमा देवी कृषि से कमाई का कोई सबूत नहीं दे पायी.
ईडी ने ब्रजेश ठाकुर की मां मनोरमा देवी के नाम पर खरीदी गयी कार में सरकारी पैसे का घोटाला होने का मामला पकड़ा है. सरकारी पैसे को बैंक में फिक्स डिपोजिट करके उसके आधार पर लोन लेने का दिखावा किया गया और कार खऱीदी गयी. सरकारी पैसे से ही लोन चुका भी दिया गया. प्रवर्तन निदेशालय ने ब्रजेश ठाकुर और उसके परिजनों के नाम पर अर्जित लगभग साढ़े सात करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली है.
गौरतलब है कि ब्रजेश ठाकुर फिलहाल नाबालिग लड़कियों के साथ रेप और हत्या के मामले में जेल में बंद है. अदालत में उसके खिलाफ सुनवाई पूरी हो चुकी है और इसी महीने फैसला आना है.