मुजफ्फरपुर में बीच गंडक नदी में नाव पर जुड़ गए हाथों से हाथ, बन गयी अनोखी मानव श्रृंखला

मुजफ्फरपुर में बीच गंडक नदी में नाव पर जुड़ गए हाथों से हाथ, बन गयी अनोखी मानव श्रृंखला

PATNA: जल-जीवन-हरियाली और शराबबंदी के पक्ष में और दहेजप्रथा- बाल विवाह के खिलाफ पूरे बिहार में 16,443 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई। इस मानव श्रृंखला में पटना के गांधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार के हाथों के साथ पूरा बिहार जुड़ गया। सूबे में नदी से पहाड़ तक हर जगह मानव श्रृंखला का नजारा दिखा। मुजफ्फरपुर ने नदी में नाव के उपर अनोखी मानव श्रृंखला बनायी गयी।


मुजफ्फरपुर के बोचहां प्रखंड अंतर्गत दरधा घाट पर आथर गांव के ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला का क्रम बनाए रखने के लिए गंडक नदी पर नावों की कतार लगा दी। वहां नदी की चौड़ाई 200 फीट है। बीच नदी में नाव पर बनाई गई उनकी मानव श्रृंखला तो लोगों के उत्‍साह की एक बानगी भर रही। राज्‍य में नदी से पहाड़ तक हर जगह मानव श्रृंखला का नजारा दिखा।


पूरे बिहार में जल-जीवन-हरियाली, नशामुक्ति, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ रविवार को विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई। पूर्वाह्न 11.30 बजे से दोपहर 12 बजे तक आधे घंटे तक जब 4.27 करोड़ से अधिक लोग एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े हुए तो विश्‍व रिकार्ड तो बनना ही था।

एक-दूसरे के हाथ थामे इन लोगों की संख्या कानाडा और आस्‍ट्रेलिया सहित विश्‍व के 192 देशों की आबादी से बड़ी थी। मानव श्रृंखला का मुख्‍य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ, जहां सीएम नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में इसका आरंभ किया गया।

इसके साथ बिहार ने 2018 का अपना ही पुराना विश्‍व रिकार्ड तोड़ दिया है। इसके पहले 2017 में शराबबंदी अभियान को सफल बनाने के लिए बिहार में 11292 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जिसके रिकार्ड को बिहार वासियों ने दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ 13654 किमी लंबी मानव श्रृंखला बनाकर तोड़ा था।