MUZAFFARPUR: मुजफ्फरपुर में मरीज की मौत के बाद प्राइवेट नर्सिंग होम में परिजनों ने जमकर बवाल मचाया। हंगामे की वजह से अस्पताल परिसर रणक्षेत्र में तब्दिल हो गया। पुलिस के सामने जमकर मारपीट हुई। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाये कहा कि पैसे के लिए शव को घंटों बंधक बनाकर रखा गया। बच्चे की मौत के बाद भी परिजनों को मिलने नहीं दिया गया। जबकि एक लाख 22 हजार रूपये ले लिया गया।
घटना मुजफ्फरपुर के ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के जूरण छपरा स्थित एक निजी अस्पताल की है। जहां इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। जिसके बाद डेड बॉडी को रखकर पैसे का डिमांड की जाने लगी। परिजनों को शव को देखने तक नहीं दिया गया। रातभर शव को अस्पताल में रखा गया परिजन सुबह होने का इंतजार कर रहे थे। सुबह होने पर भी अस्पताल प्रशासन की तरफ से शव परिजनों को नहीं सौंपा गया। अस्पताल प्रशासन बिना पैसा के शव देने को तैयार नहीं हुए।
परिजनों ने शव को बंधक बनाने का आरोप लगाया। जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में लोग फूलार हॉस्पिटल पहुंचे और डेड बॉडी देने की मांग करने लगे। तभी पुलिस भी अस्पताल पहुंच गई जिनके सामने ही परिजनों और अस्पताल प्रबंधक के बीच कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते हैं लोग उग्र हो गये। तभी मृत बच्चे के परिजनों और अस्पताल के कर्मियों के बीच जमकर मारपीट होने लगी। जिसके बाद बीच बचाव कर पुलिस ने लोगों को शांत कराने की कोशिश की लेकिन पुलिस के सामने ही अस्पताल कर्मी और परिजनों के बीच जमकर मारपीट होती रही।
इस दौरान अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गयी। नगर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने बताया कि इलाज के क्रम में बच्चे की मौत हो गई थी जिसे लेकर विवाद हुआ था और दोनों तरफ से मारपीट हुई।अस्पताल के कर्मचारियों और पीड़ित परिवार को काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने शांत कराया और दोनों पक्षों से बॉन्ड भरवारा गया और यह हिरायत दी गई है कि इस तरह की घटना आगे नहीं होनी चाहिए यदि दोबारा ऐसा हुआ तो केस दर्ज कर जेल भेजा जाएगा। अस्पताल प्रशासन और परिजनों के बीच समझौता हुआ जिसके बाद शव को सौंपा गया।
परिजन ने बताया कि वे 14 साल के बच्चे का इलाज कराने केजलीबाग आए थे लेकिन वहां मौजूद दलाल ने बच्चे को फूलार हॉस्पिटल में जबरन भर्ती कराया दिया। फूलार हॉस्पिटल में हार्ट के मरीज को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं है इसके बावजूद बच्चे को इस अस्पताल ने भर्ती ले लिया। चार दिन तक बच्चे को रखा गया। बच्चे की मौत के बाद भी परिजनों को मिलने नहीं दिया गया। एक लाख 22 हजार रूपये ले लिया गया। जब परिजन मिलने के लिए आए तो उनके साथ मारपीट की गयी।