1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 08 Oct 2023 08:05:47 AM IST
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PATNA : लोकसभा चुनाव 2024 करीब जैसे जैसे करीब आ रहा है वैसे - वैसे लालू-नीतीश की मुलाकात का सिलसिला बढ़ता जा रहा है। अब दो-चार दिनों के अंतराल पर दोनों नेता एक दूसरे से मिल रहे हैं। कभी नीतीश कुमार लालू से मिलने राबड़ी आवास चले जाते हैं तो कभी लालू यादव नीतीश से मिलने मुख्यमंत्री आवास पर चले आते हैं। इन दोनों का मिलन सियासी महकमे में चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसे में नीतीश ने राज्य भर के मुस्लिम नेताओं को बुलाकर मीटिंग की और ओवैसी से सावधान रहने की बात कही। उसके ठीक बाद नीतीश लालू की मुलाकात हुई। जहां दोनों के बीच आधे घंटे तक बातचीत हुई है।
दरअसल, शनिवार को एक बार फिर लालू यादव नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर पहुंच गए। दोनों नेताओं के बीच करीब 30 मिनट तक मुलाकात हुई। इससे पहले गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को नीतीश कुमार लालू से मिलने राबड़ी आवास गए थे। उसके बाद लालू अपनी परिवार के साथ दिल्ली रवाना हो गए। उसके बाद लालू यादव एक दिन पहले ही दिल्ली से पटना पहुंचे थे। इसके बाद लालू नीतीश से मिलने पहुंच गए। चर्चा है कि मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक के बाद लालू यादव नीतीश कुमार से मिलने पहुंच गए, इसका कोई गहरा मतलब हो सकता है।
मालूम हो कि, साल 2020 में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 11 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। आश्चर्यजनक बात यह रही कि उनमें से एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया। यह जेडीयू के लिए बड़ा सेट बैक था। इसलिए कि कांग्रेस और आरजेडी के बिहार की सत्ता से दूर होने के बाद मुस्लिम वोटर नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के साथ आ गए थे। लेकिन, इसके बाबजूद विधानसभा चुनाव में आरजेडी मुस्लिम विधायकों के मामले में सबसे आगे रहा। आरजेडी ने 2020 में 17 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। उसके आठ उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर ली। मुस्लिम वोटर जेडीयू से क्यों बिदके, यह समझने के लिए नीतीश कुमार ने यह बैठक बुलाई। उसके ठीक बाद वो लालू से मिलने पहुंच गए।
आपको बताते चलें कि, आरजेडी के तर्ज पर नीतीश कुमार ने कई मौकों पर मुस्लिम तबके को यह भरोसा दिलाया कि वे भले बीजेपी के साथ सरकार चला रहे हैं, लेकिन अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं करेंगे। वे नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक बन गए। बाढ़ राहत के लिए बतौर गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी की ओर से भेजी गई सहायता राशि लौटा कर उन्होंने मुसलमानों के दिलों में जगह बना ली। लेकिन, इसके बाबजूद इस समाज की नाराजगी की बात कही जा रही थी। ऐसे में नीतीश अब लालू के साथ है तो आपसी सहमति के साथ इस नाराजगी को दूर करने की कोशिश में लगे हुए है।