मुंगेर पुलिस फायरिंग: अब तक पुलिस-CISF जवान समेत 100 पर FIR, लिपि सिंह के खासमखास पर भी केस

मुंगेर पुलिस फायरिंग:  अब तक पुलिस-CISF जवान समेत 100 पर FIR, लिपि सिंह के खासमखास पर भी केस

PATNA: मुंगेर पुलिस फायरिंग और उसके बाद आगजनी मामले को लेकर अब तक 16 केस दर्ज किया गया है. इस केस में मुंगेर पुलिस और सीआईएसएफ जवान समेत 100 पर केस दर्ज किया गया है. यही नहीं मुंगेर एसपी रही लिपि सिंह के खासमखास रहे कुमार कृष्ण पर केस दर्ज किया गया है. 16 केस में कई केस पब्लिक की ओर से किया गया है.

लिपि सिंह का खासमखास मास्टर माइंड

वायरल वीडियो में दुर्गा भक्तों की पिटाई करते दिख रहे शख्स के बारे में बताया जा रहा है कि वही लिपि सिंह का खासमखास कुमार कृष्ण हैं जो सफेद शर्ट और जींस पहना हुआ था. इस घटना का मास्टर माइंड कुमार कृष्ण को बताया जा रहा है. इसकी जांच एसआईटी की टीम कर रही है.


एसआईटी की टीम कर रही जांच

मुंगेर पुलिस फायरिंग केस की जांच के लिए एसआईटी की टीम गठित की गई है. जांच का जिम्मा एसपी और 3 डीएसपी को दी गई है. फायरिंग में प्रयोग किया गया पुलिस के हथियारों की भी जांच होगी. हथियारों की जांच एफएसएल की टीम करेगी. इसके बाद पुलिस फायरिंग में जिस युवक की मौत हुई थी उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी मिलान किया जाएगा. 


भीड़ ने मुंगेर के तीन थानों में लगाई थी आग

29 अक्टूबर को भीड़ ने तीन थानों को आग लगाकर जला दिया. पूर्व सराय थाना और बासुदेवपुर ओपी और कोतवाली को भीड़ ने फूंक डाला. तीनों थानों की कई गाड़ियों में भीड़ ने आग लगा दी थी. लिपि सिंह के ऑफिस और एसडीपीओ के ऑफिस पर भी लोगों ने तोड़फोड़ किया था. पांच  से अधिक थानों पर भीड़ ने हमला और पथराव किया था. 


पुलिस पर फायरिंग का आरोप

26 अक्टूबर को मुंगेर में पुलिस जबरन मूर्ति विसर्जन करा रही थी. इसका जब लोगों ने विरोध किया तो पुलिस ने लाठीचार्ज किया और पुलिस ने फायरिंग कर दी. एक युवक की सिर में गोली लगी और उसकी मौत हो गई. एक की इलाज के दौरान मौत हो गई. जबकि 4 लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद कई लोग लापता है.  यह घटना मुंगेर के दीन दयाल चौक के पास हुई थी. मुंगेर के लोगों ने पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाया था. लोगों का कहना था कि पहले से परंपरा रही है कि पहले बड़ी देवी का मूर्ति विसर्जन होता है. उसके बाद छोटी मूर्ति का विसर्जन किया जाता है. लेकिन पुलिस जबरन विसर्जन करा रही थी. पुलिस ने इस दौरान बेरहमी से लोगों की पिटाई की और फायरिंग की. जिसके बाद चुनाव आयोग ने लिपि सिंह और डीएम को हटा दिया.