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DESK: मुंबई स्थित SRTEPC के मुख्य कार्यालय में आयोजित सिंथेटिक रेयन टेक्सटाइल एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल की बैठक में बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन मौजूद रहे। बैठक में बिहार के लिए कपड़ा नीति के मसौदे पर चर्चा हुई। बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने सिंथेटिक और रेयॉन टेक्सटाइल इंडस्ट्री के उद्योगपतियों से मिलकर बिहार में निवेश करने की अपील की।
मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि कोरोनाकाल के बावजूद इथेनॉल में उम्मीद से काफी ज्यादा निवेश के प्रस्ताव मिले है। अब बढ़िया टेक्सटाइल पॉलिसी लाने की तैयारी की जा रही है। इस मौके पर धीरज रायचंद शाह, भद्रेश दोढिया, संजीव शरण, राकेश मेहरा, राकेश सरावगी समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। वही बिहार की ओर से अपर मुख्य सचिव उद्योग बृजेश मेहरोत्रा एवं निवेश आयुक्त आर एस श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे।
इस बैठक में शुरुआत अपर मुख्य सचिव बृजेश मेहरोत्रा ने की। उन्होंने बिहार पर एक परिचय दिया। इसके बाद आर.एस. श्रीवास्तव ने ‘बिहार में निवेश के माहौल’ पर एक प्रस्तुति दी। जिसमें बिहार में नई सरकार के उद्योग-व्यापार के अनुकूल दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला गया। प्रस्तुति में राज्य में कुशल एवं सस्ते कार्यबल की उपस्थिति, औद्योगिक भूमि की आसान उपलब्धता और चौबीस घंटे बिजली-पानी की उपलब्धता पर प्रकाश डाला गया। इसके बाद बिहार की कपड़ा नीति के मसौदे पर विस्तृत चर्चा की गयी।
उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने एसआरटीइपीसी की कार्यकारिणी के सदस्यों के सुझावों को ध्यान से सुना और बिहार में निवेश के लाभ की बारीकियों को भी समझाया। बिहार में आज लैंडलॉकड राज्य का मसला पहले जैसा नहीं है। बिहार के अधिकांश जिले आसपास के राज्यों में नजदीकी हवाई अड्डों, पटना, दरभंगा , गया, गोरखपुर, वाराणसी, बागडोगरा, के माध्यम से आसानी से भारत/ विश्व से जुड़े हुए हैं। राष्ट्रीय जलमार्ग १ के पूरा होने के बाद परिवहन में सहूलियत आएगी। वर्तमान में रोड एवं रेल परिवहन का जाल बिहार में बहुत ही अच्छा है।
एक्सपोर्ट हेतू फ्रेट सब्सिडी के मामले पर उन्होंने कहा कि उद्योग जगत की हर जायज मांगों पर सरकार खुले दिल से विचार करेगी। उन्होंने राज्य में स्थिरता और सुशासन पर विशेष जोर दिया। प्रमुख औद्योगिक राज्यों की तुलना में बिहार में कम अपराध दर की बात करने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य निवेश की मार्केटिंग मात्र पर रिश्ता नहीं छोड़ती बल्कि राज्य में लगे हुए उद्योगों की समस्याओं के प्रति भी संवेदनशील है।
एक निवेशक के पूछे जाने पर मंत्री ने बताया कि उनके कार्यकाल में राज्य ने सिंगल विंडो सिस्टम को वास्तव में प्रभावी बनाने के लिए कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म की ऑनलाइन फाइलिंग की प्रणाली सुदृढ़ की है। हाल के बड़े निवेश इरादों के बारे में बात की जो राज्य को मिले हैं जैसे जेएसडब्ल्यू, एस्सार और माइक्रोमैक्स। उन्होंने बताया कि बिहार देश में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। महामारी के बावजूद दोहरे अंकों की विकास दर बनाए रखने वाला एकमात्र बड़ा राज्य बिहार ही है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि नवंबर 2020 से राज्य ने 300 से अधिक एसआईपीबी स्टेज की स्वीकृतियां दी हैं। जिसमें कोविड 19 महामारी के बावजूद रु.19,958 करोड़ का निवेश पास है। बिहार में 53% से अधिक आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है और इसलिए बिहार श्रम प्रधान उद्योग के लिए सबसे उपयुक्त राज्य है। अधिकांश श्रमिक जो कोरोना में लौटे हैं वे कपड़ा क्षेत्र से थे और एक अधिक विकेन्द्रीकृत औद्योगिक व्यवस्था चाहते हैं। जो उन्हें 'घर से काम करने' में सक्षम बना सके।
उन्होंने जनसांख्यिकीय लाभांश सहित विभिन्न लाभों को लेकर बिहार में आने और निवेश करने की बात कही। भारत के कपड़ा व्यवसायी यदि साथ दें तो शीघ्र बिहार परिधान उद्योग में देश को बांग्लादेश से आगे ले जा सकेगा वही एसआरटीइपीसी के सदस्यों ने सरकार के प्रगतिशील दृष्टिकोण की सराहना की। मसौदा नीति पर आशाजनक प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा कि गहन आतंरिक चर्चा के बाद यदि आवश्यक हुआ तो और सुझाव सरकार को भेजा जाएगा।