PATNA: क्या राजद टूट की ओर बढ़ रही है? आज दिन पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के बयान से इसका साफ संकेत मिल गया. पार्टी के सीनियर लीडर अब्दुल बारी सिद्दीकी खुल कर तेजस्वी यादव की लाइन के खिलाफ बोले तो महेश्वर प्रसाद यादव ने साफ कह दिया कि वे राजद के अलग गुट को मान्यता देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को लिखने जा रहे हैं. FIRST BIHAR को मिली जानकारी के मुताबिक राजद के कई और विधायक तेजस्वी यादव की पहुंच के बाहर हो चुके हैं.
तेजस्वी की लाइन के खिलाफ सिद्दीकी का बयान
दो दिन पहले तेजस्वी यादव ने कहा था कि नीतीश चाचा से अब किसी सूरत में दोस्ती संभव नहीं. उनकी पार्टी के प्रमुख नेताओं में से अब्दुल बारी सिद्दीकी ने आज खुलकर इस लाइन के खिलाफ बोला. सिद्दीकी ने कहा कि समाजवादियों की एकता जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को हराना है तो इगो छोड़ना होगा और साथ आना होगा. जाहिर तौर पर सिद्दीकी तेजस्वी को इगो छोड़ने की नसीहत दे रहे हैं जो ये सार्वजनिक तौर पर कह रहे हैं कि नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी नहीं होने देंगे.
महेश्वर यादव का खुला एलान
इससे पहले राजद विधायक महेश्वर प्रसाद यादव ने कहा कि राजद में टूट होने वाली है और वे विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर अलग गुट की मान्यता की मांग करने वाले हैं. मुजफ्फरपुर के गायघाट से विधायक महेश्वर प्रसाद यादव राजद के सबसे पुराने विधायकों में से एक हैं. उनकी बात को हल्के में नहीं लिया जा सकता.
राजद के कई विधायक तेजस्वी की रडार से बाहर
राजद के सूत्र बताते हैं कि पार्टी के कई विधायक तेजस्वी प्रसाद यादव की रडार से बाहर हो गये हैं. राजद के विधायक फराज फातमी पार्टी की किसी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. उन्होंने न तो खुद राजद की सदस्यता ग्रहण की है और ना ही तेजस्वी के निर्देशानुसार सदस्यता अभियान चलाया है. फराज फातमी राजद के पूर्व नेता अली अशरफ फातमी के बेटे हैं जो जदयू में शामिल हो गये हैं. राजद नेतृत्व फराज फतामी से सवाल जबाव करने का साहस नहीं जुटा पा रहा है. राजद के ही विधायक और लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय की स्थिति किसी से छिपी नहीं है. चंद्रिका राय के करीबी दावा कर रहे हैं कि एक दर्जन से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं. राजद के एक अल्पसंख्यक विधायक नीतीश कुमार से मिलने जाते समय मीडिया के कैमरे में कैद हो चुके हैं. राजद के कई और विधायकों के नीतीश के संपर्क में होने की चर्चा आम है.
तो क्या संभव है राजद में टूट
दरअसल लोकसभा चुनाव में भारी पराजय के बाद राजद के कई विधायकों में भविष्य को लेकर काफी चिंता है. विधानसभा के पिछले सत्र में राजद के विधायकों का मनोबल साफ दिख रहा था. मुख्य विपक्षी पार्टी के ज्यादातर विधायक सरकार पर हमला करने से परहेज करते रहे. लेकिन इसके बावजूद राजद में टूट फिलहाल संभव नहीं दिखता. विधानसभा में अभी राजद के 79 विधायक हैं. दल बदल कानून के तहत राजद में टूट के लिए कम से कम 53 विधायकों का साथ होना जरूरी है. नीतीश कुमार के लिए राजद के 53 विधायकों को मैनेज कर पाना नामुमकिन सा काम है. उधर, भाजपा को राजद-जदयू के इस खेल में कोई अभिरूचि नहीं है. लिहाजा राजद में टूट की संभावना फिलहाल तो संभव नहीं दिख रही है.