PATNA: मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में हिन्दी में एमबीबीएस की पढ़ाई होती है अब बिहार सरकार भी राज्य में हिन्दी माध्यम से MBBS की पढ़ाई कराने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले से उन छात्रों को ज्यादा फायदा होगा जिनकी मातृभाषा हिन्दी है। भागलपुर के JLNMCH समेत राज्य के मेडिकल कॉलेजों में इसकी तैयारी चल रही है। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय से मेडिकल कॉलेज को पाठ्यक्रम और किताबें भेजी जाएंगी और छात्रों को हिंदी माध्यम से पढ़ाने के लिए शिक्षकों का भी चयन किया जाएगा।
बिहार के तमाम मेडिकल कॉलेज में Bachelor of Medicine, Bachelor of Surgery (MBBS ) की पढ़ाई अब हिन्दी में भी होने जा रही है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने का फैसला लिया है। इसके लिए सिलेबस और किताबें आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार किया जाएगा। MBBS की पढ़ाई में इस बड़े बदलाव से उन छात्रों को पढ़ाई में सुविधा होगी जिन्होंने हिन्दी माध्यम से स्कूली शिक्षा हासिल की है। क्योंकि कि ऐसे छात्रों को अंग्रेजी में पढ़ाई करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। MBBS की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से होने पर वो मेडिकल की पढ़ाई अच्छी तरह कर पाएंगे और ज्यादा अच्छे तरीके से किताबों को भी समझ पाएंगे।
एक बात और है कि जो छात्र अंग्रेजी कमजोर रहने की वजह से मेडिकल की तैयारी नहीं कर पाते थे वो भी अब नीट की तैयारी करेंगे। जिससे ज्यादा से ज्यादा छात्रों को डॉक्टर बनने का मौका मिल सकेगा। बच्चों को हिन्दी में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का चयन बहुत जल्द किया जाएगा। जिसके बाद हिंदी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू की जाएगी और इसे पूरी मान्यता भी दी जाएगी। हिंदी में एमबीबीएस की किताबें खरीदने के लिए ऑफिशियल टेंडर नोटिस भी जारी कर दिया गया है।
हिंदी में MBBS की पढ़ाई अभी कुछ ही विभाग में शुरू की जाएगी। जिसमें एनाटॉमी, फिजियोलॉजी, फार्माकोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सिकोलॉजी (FMT) बायोकेमिस्ट्री, रेडियोलॉजी, पीडियाट्रिक्स, गायनेकोलॉजी, पैथोलॉजी, स्किन, ENT, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिसिन, सर्जरी, ऑप्थाल्मोलॉजी, साइकियाट्री, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन (PMR) एनेस्थीसिया शामिल हैं।