MOTIHARI : कोरोना संकट की महामारी में स्वास्थ्यकर्मियों को काफी परेशानी हो रही है. कई जिलों से लगातार ऐसी ख़बरें सामने आ रही हैं कि मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और मास्क मुहैया नहीं कराया गया है. ताजा मामला पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी का है. जहां स्वास्थ्यकर्मियों ने सीएम दफ्तर के सीएस कार्यालय के बाहर तालाबंदी कर जमकर विरोध जताया और वेतन भूहतान करने की मांग की.
मोतिहारी सदर अस्पताल के बाहर हंगामा कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जीवनरक्षक मास्क विभाग अपने कर्मियों को नहीं दे पा रही है. दस महिने पहले हाईकोर्ट के आदेश पर नियुक्त चतुर्थवर्गीय कर्मियों के सामने भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इन्हें नियुक्ति के बाद वेतन का भुगतान नहीं हुआ है. कर्मियों के प्रदर्शन के दौरान सिविल सर्जन कार्यालय में पहूंचे, जिनकी गाड़ी के आगे लेटकर उन्होंने सीएस का रास्ता रोका. इस दौरान सिविल सर्जन ने कर्मचारी नेताओं को वार्ता के लिए कार्यालय कक्ष में आने को कहा लेकिन वे मांग पर डटे रहे.
कर्मचारी उमेश कुमार का कहना है कि कोरोना के वायरस से कर्मी बगैर सुरक्षा कीट और भूखे पेट लड़ रहे हैं. लेकिन सरकार के किसी भी पदाधिकारी को चिंता नहीं है. उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश पर पूर्वी चम्पारण में 108 लोगों की नियुक्ति चतुर्थवर्गीय कर्मी के रुप में किया गया,जिनके सभी कागजों का वेरिफिकेशन के बाद भी वेतन का भुगतान नहीं शुरु किया जा सका है. भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री महेश प्रसाद सिंह ने कहा कि वेतन के आभाव में परिवार के सदस्यों को भूखे रहना पड़ रहा है. जबकि इन कर्मियों की पदस्थापना प्रखंडों के पीएचसी में किया गया है, जिन्हें कोरोना महामारी के समय में मोतिहारी के सदर अस्पताल और क्वारंटाइन सेन्टरों में पदस्थापित किया गया है.