MOTIHARI: कभी इलाज के लिए तीसरे स्थान पर रहे मोतिहारी सदर अस्पताल आज राज्य के 37वें स्थान पर पहुंच गया है, फिर भी सदर अस्पताल के डॉक्टर सुघरने का नाम नहीं ले रहे है. लेट-लतीफी उनकी नियति बन गयी है.
रविवार की देर रात कोटवा में हुए सडक हादसे में घायल तीन युवकों को गंभीर हालत में कोटवा थाना पुलिस मोतिहारी सदर अस्पताल लेकर पहूंची, पर उस वक्त डॉक्टर नदारद थे. अस्पताल में आने वाले शवों को पोस्टमार्टम में सहयोग करने वाले एक सक्रिय युवक घायलों का इलाज शुरु किया. इतना ही नहीं डॉक्टर के टेबल पर बैठकर मरीजों के लिए आवश्यक दवाओं को मंगाता रहा. जिसे फोटो में देखा जा सकता है. इस बाबत जब रिपोर्टर ने अस्पताल की सुरक्षा में तैनात गार्ड से पूछा तो वे डॉक्टर की उपस्थिति से इंकार करते हुए खुद को सुरक्षा गार्ड बताते रहे.
डॉक्टर की अनुपस्थिति के बीच इलाज कराने आए मरीजों के परिजन प्राईवेट अस्पतालों में जाते दिखे. इस बीच दुर्घटना में घायल एक युवक की मौत अस्पताल में हो गयी. तो वहीं घंटों इंतजार के बाद दो अन्य घायलों का इलाज शुरु हुआ. कुछ देर बाद डॉक्टर साहब भी पहूंचे और हाजरी बनाकर आराम करने लगे. जब रिपोर्टर ने डॉक्टर साहब से जानकारी लेना चाहा तो उन्होंने पैदल आने की बात कर थोडी देर होने की बात को स्वीकारा है.