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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Jul 2024 09:19:31 PM IST
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MOTIHARI: मोतिहारी नगर निगम के मेयर पति की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस ने उनके घर पर छापेमारी की। हत्या के आरोपी देवा गुप्ता की खोजबीन में पुलिस लगी हुई है। मोतिहारी मेयर के घर पर भी उनके पति को पकड़ने के लिए छापेमारी की गई। हालांकि इस दौरान मेयर के पति घर पर नहीं मिले। इसके बाद से सियासी गलियारों में ये चर्चा होने लगी है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव मोतिहारी के मेयर के घर आए थे।
इसी वजह से माना जाने लगा कि मेयर के पति मोतिहारी विधानसभा से राजद के प्रबल दावेदार बन गए हैं। वहीं अब पुलिस की कार्रवाई से उनकी राजनीतिक जीवन की उलटी गिनती शुरू हो गई है। कल तक जो मोतिहारी से राजद विधायक और जिला अध्यक्ष मनोज यादव हर कदम पर उनके साथ होते थे अब उनका भी साथ छूटता नजर आने लगा है। मोतिहारी पुलिस मेयर के पति सह राजद नेता देवा गुप्ता की तलाश में लगातार जुटी हुई है।
बता दें बीते साल चकिया में राजीव यादव नाम के एक संवेदक की दिनदहाड़े अपराधियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिसके बाद मृतक ने कथित रूप से मरने से पहले मेयर पति का नाम बताया था। बाद में इस मामले में मेयर पति सहित अन्य पर चकिया थाना कांड संख्या 301/23 दर्ज किया गया था। हत्याकांड में शूटर सहित अन्य की गिरफ्तारी हो चुकी है लेकिन मेयर पति की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। जिसे लेकर मृतक संवेदक के परिजनों ने हाईकोर्ट में एक क्रिमिनल रिट याचिका दायर किया था। जिसके बाद मोतिहारी एसपी को हाइकोर्ट में जवाब देना पड़ा फिर लौटकर आते ही मेयर पति के घर पर छापेमारी की गई।
इधर मेयर ने भी अपने पति के बचाव में एसपी को एक आवेदन दिया था। जिसमे दावा किया गया था कि घटना के दिन मेयर पति पटना के दो होटलों सहित विधायक मनोज यादव के आवास पर रुके थे। मेयर के आवेदन की जब पुलिस ने बारीकी से जांच शुरू की तो एक के बाद एक बचाव का सभी दावा झूठा निकलता चला गया। मोतिहारी के एसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि पलास होटल में मेयर पति देवा गुप्ता के रुकने का कोई प्रमाण नहीं मिला है जबकि होटल अशोका का बिल तो है पर रजिस्टर पर मेयर पति का हस्ताक्षर नहीं है।
सबसे बड़ा साक्ष्य जिस पर एसपी ने जोड़ देते हुए बताया कि मेयर पति के बाबत बताया गया था कि घटना के दिन मेयर पति विधायक मनोज यादव के साथ थे। जिस बात से विधायक मनोज यादव सहित उनके अंगरक्षकों ने इनकार किया है। यानी मेयर ने अपने पति के निर्दोष साबित करने के लिए जो तीन महत्वपूर्ण बिंदु बताया था वो एएसपी की जांच में झूठा पाया गया है। इसके बाद एसपी का भी रिपोर्ट सामने आया है। जिसमें मेयर पति ना सिर्फ हत्या में शामिल पाए गए बल्कि संगठित आपराधिक गिरोह में शामिल होने की भी बात एसपी ने बताया है।
मोतिहारी से सोहराब आलम की रिपोर्ट...