ड्राइविंग लाइसेंस के ऑफिस में पटना का घूसखोर क्लर्क गिरफ्तार, निगरानी की टीम ने नजराना लेते हुए रंगेहाथ दबोचा

ड्राइविंग लाइसेंस के ऑफिस में पटना का घूसखोर क्लर्क गिरफ्तार, निगरानी की टीम ने नजराना लेते हुए रंगेहाथ दबोचा

MOTIHARI :  बिहार में सुशासन की सरकार होने के बावजूद भी भ्रष्टाचार के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति को जमीन पर उतारना मुश्किल हो गया है. सरकारी दफ्तरों में काम कराने के लिए आम लोगों से नजराना वसूला जा रहा है. ताजा मामला मोतिहारी जिले का है, जहां डीटीओ ऑफिस में निगरानी विभाग की टीम ने दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, जो गाड़ी के री एसेसमेंट के लिए 39 हजार रुपए घूस ले रहे थे. 


शनिवार को मोतिहारी डीटीओ ऑफिस के दो कर्मियों को पटना की निगरानी टीम ने 39 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार किया. गिरफ्तार कर्मचारियों ने अरेराज के ध्रुव नारायण मिश्र और प्रशांत पाण्डेय से रिश्वत मांगी थी. छापेमारी टीम का नेतृत्व कर रहे निगरानी के डीएसपी सर्वेश कुमार ने बताया कि दबोचे गये कर्मियों से परिसदन में पूछताछ की जा रही है.


डीएसपी सर्वेश कुमार ने जानकार दी कि पांच दिन पहले शिकायत मिली थी. शिकायत के बाद सत्यापन किया गया. उसके बाद निगरानी की टीम ने फौरन कार्रवाई करते हुए धावा बोला और घुस लेते हुए दो कर्मचारियों को धर दबोचा. गिरफ्तार कर्मियों की पहचान डीटीओ ऑफिस के प्रोग्रामर रामगढ़वा थाने के बेला गांव के रहने वाले खुर्शीद आलम और पटना के पुनपुन प्रखंड के एकौना पकौली के रहने वाले राजेन्द्र सिंह के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि राजेन्द्र सिंह लिपिक पद पर संविदा के आधार पर कार्यरत है.


इस मामले को लेकर जानकारी मिली है कि अरेराज सलहा के रहने वाले ध्रुव नारायण मिश्र ने निगरानी में शिकायत की थी कि वाहन के री एसेसमेंट के लिये घूस मांगी जा रही है. प्रोग्रामर खुर्शीद आलम को डीटीओ कार्यालय के ग्राउंड में तीस हजार रुपये घूस लेते निगरानी की टीम ने पकड़ा गया. जबकि लिपिक राजेन्द्र सिंह प्रथम तल्ला पर नौ हजार रुपए घूस लेते गिरफ्तार हुआ.