PATNA : देश भर में नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुहिम के पोस्टर ब्यॉय कन्हैया कुमार के खिलाफ उनकी ही पार्टी CPI की बैठक में निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है. कन्हैया कुमार पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के पटना दफ्तर में घुसकर पार्टी के कार्यालय सचिव को पीट दिया था. अब सीपीआई की नेशनल काउंसिल की बैठक में कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पास किया गया है. हालांकि गंभीर आरोपों के बावजूद कन्हैया के खिलाफ कार्रवाई की ताकत उनकी पार्टी नहीं जुटा पायी.
CPI की बैठक में निंदा प्रस्ताव
हैदराबाद में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) की बैठक हुई. नेशनल काउंसिल की इस बैठक में 110 सदस्य मौजूद थे. सीपीआई के महासचिव डी. राजा भी बैठक में मौजूद थे. बैठक में कन्हैया कुमार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया गया. इस प्रस्ताव का 110 में से 107 सदस्यों ने समर्थन किया. सीपीआई नेशनल काउंसिल के सिर्फ तीन सदस्यों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. बैठक के बाद सीपीआई की तेलंगाना राज्य कमेटी के सचिव सी वेंकट रेड्डी ने बताया कि कन्हैया कुमार को इस तरह का काम नहीं करना चाहिये. बैठक में कन्हैया कुमार और उनके साथियों द्वारा बिहार में पार्टी के कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ हुई बदसलूकी पर खेद प्रकट किया गया.
बैठक से गायब रहे कन्हैया
सीपीआई की नेशनल काउंसिल की बैठक से कन्हैया कुमार गायब थे. हालांकि कन्हैया सीपीआई की नेशनल काउंसिल के सदस्य हैं. लेकिन उनकी ओर से पार्टी को ये जानकारी दी गयी कि तबीयत खराब होने के कारण वे बैठक में शामिल नहीं हो सकते. हालांकि जानकार बताते हैं कि कन्हैया को मालूम था कि बैठक में उनके खिलाफ मामला आने वाला है लिहाजा उन्होंने बैठक से दूरी बना ली.
क्या है मारपीट का मामला
मामला एक दिसंबर 2020 का है. पार्टी के नेता बताते हैं कि 1 दिसंबर 2020 को कन्हैया कुमार सीपीआई के पटना कार्यालय में अपने समर्थकों के साथ पहुंचे थे. वहां बेगूसराय जिला काउंसिल को लेकर बैठक होनी थी. लेकिन पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने इस बैठक को कैंसल कर दिया था. बैठक के कैंसल होने की खबर मिलते ही कन्हैया कुमार आपे से बाहर हो गये. उन्होंने कहा कि उन्हें सूचना दिये बगैर बैठक रद्द करने की हिम्मत किसने जुटायी. आरोप है कि उसी दौरान कन्हैया और उनके समर्थकों ने सीपीआई के प्रदेश कार्यालय सचिव इंदुभूषण वर्मा के साथ बदसलूकी, धक्का-मुक्की और मारपीट की.
इस घटना के बाद सीपीआई के प्रदेश के नेताओं ने राष्ट्रीय नेताओं को इस मामले की जानकारी दी थी. सीपीआई स्टेट कमेटी ने कन्हैया कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की थी. लेकिन सीपीआई के तमाम बडे नेताओं ने चुप्पी साध ली थी. हालांकि हैदराबाद में सीपीआई नेशनल काउंसिल की बैठक में ये मामला उठा और उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया.
वैसे कन्हैया कुमार ने मारपीट के आरोपों को गलत करार दिया है. कन्हैया कुमार ने कहा था कि वे किसी मारपीट या बदसलूकी में शामिल नहीं थे. वैसे कन्हैया कुमार लगातार विवादों में घिरे रहे हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन पर लोगों से मारपीट का आरोप लगा था.