PATNA: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में अपने गठबंधन की जीत के लिए जिस नारी शक्ति को जिम्मेवार बता रहे थे, उसी नारी शक्ति को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ रहा है. सहरसा की एक वृद्ध महिला ने घर वालों के कहने के बावजूद लालटेन का बटन नहीं दबाया और बीजेपी को वोट दे दिया. नतीजतन घर वालों ने उन्हें घर से निकाल दिया. इंसाफ मांगने के लिए महिला आज बिहार के मुख्यमंत्री आवास पहुंची लेकिन वहां से पुलिस उसे पकड कर थाने ले गयी.
सहरसा जिले के रामपुर गांव की मुखियाइन देवी के साथ ये वाकया हुआ है. मुखियाइन देवी का परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव विरोधी हो गया है. परिवार समेत गांव के लोग चुनाव में राजद को वोट देने को कह रहे थे. लेकिन मुखियाइन देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजनाओं से लाभान्वित होकर बीजेपी को वोट देने का फैसला लिया. तमाम विरोध के बावजूद मुखियाइन देवी ने कमल छाप का बटन दबाया. इसके बाद उन्हें जो झेलना पड़ा वो आज उन्हें सीएम आवास के बाहर मीडियाकर्मियों को बताया.
मुखियाइन देवी ने मीडियो को बताया “मेरे परिवार और गांव के लोग लालटेन पर वोट देने के लिए कह रहे थे लेकिन हम भाजपा को वोट दिये. इसके बाद बेटा-बहू ने मारपीट किया और घऱ से बाहर निकाल दिया.”
परेशान मुखियाइन देनी सहरसा से बस पकड़ कर पटना चली आयी. वह सीएम आवास पहुंची ताकि बिहार के मुख्यमंत्री उसे न्याय दिलायें.लेकिन मुख्यमंत्री आवास के बाहर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें वहां बैठने तक नहीं दिया. सचिवालय थाने को बुलाया गया और महिला को थाना ले जाया गया. मुखियाइन देवी बार-बार न्याय की गुहार लगा रही थी. उसके पास प्रधानमंत्री का फोटो, बीजेपी का झंडा और दूसरी प्रचार सामग्री मिली है.