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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR EXCLUSIVE Updated Thu, 21 Sep 2023 05:21:49 PM IST
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DELHI: महिला आरक्षण बिल को अपनी लाश पर पास होने देने का एलान करने वाले लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की अकड़ क्या नरेंद्र मोदी के सामने गायब हो गयी? राज्यसभा में आज जब महिला आरक्षण बिल पर चर्चा हो रही थी तो वहां बैठे कई सांसदों को 13 साल पहले का नजारा याद आ गया होगा। 8 मार्च 2010 को तत्कालीन यूपीए सरकार ने जब राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया था तो वहां राजद के सांसदों ने जो उत्पात मचाया था, वैसा शायद ही कभी और हुआ होगा। लेकिन आज राज्यसभा में राजद के सांसद महिला आरक्षण बिल को पारित होते चुपचाप बैठे देखते रहे।
क्या हुआ था 8 मार्च 2010 को?
पहले जानिये कि 8 मार्च 2010 को क्या हुआ था. दरअसल केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार ने इसी दिन राज्यसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया था. बिल पेश होते ही राजद के राज्यसभा सांसदों ने राज्यसभा में भारी उत्पात मचा दिया था. मुलायम सिंह यादव की पार्टी सपा के सांसदों के साथ मिलकर राजद के सांसदों ने राज्यसभा की मर्यादा को तार-तार कर दिया था.
राजद के तत्कालीन सांसद राजनीति प्रसाद समाजवादी पार्टी के सांसदों के साथ राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी की मेज पर चढ़ गये थे. उन्होंने सभापति के माइक को तोड़ दिया था. राजद के एक और सांसद सुभाष यादव ने सदन में जमकर उत्पात मचाया था. हालत ये हुई थी कि सभापति हामिद अंसारी को मार्शल को सदन के अंदर बुलाना पड़ा था. राजद और सपा के 7 सांसदों को मार्शल के सहारे सदन से बाहर करा दिया गया था और तब राज्यसभा से महिला आरक्षण बिल पास हुआ था.
लालू ने कहा था-मेरी लाश पर पास होगा बिल
2010 में राज्यसभा के इस वाकये के बाद लालू प्रसाद यादव ने खुला एलान किया था-मेरी लाश से होकर ही महिला आरक्षण बिल पास होगा. लालू प्रसाद यादव ने कहा था-राज्यसभा में सरकार ने पारा मिलिट्री फोर्स को बुलाकर हमारे सांसदों को सदन से बाहर करा दिया. लेकिन मनमोहन सरकार में हिम्मत है तो वह लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को पारित करा कर दिखाये. उन्हें मेरी लाश पर महिला आरक्षण बिल को पास कराना होगा.
लालू ने समर्थन वापसी का किया था एलान
2010 में लालू प्रसाद यादव की पार्टी बाहर से मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार को समर्थन कर रही थी. लालू प्रसाद यादव ने महिला आरक्षण बिल के खिलाफ मनमोहन सिंह की सरकार से समर्थन वापसी का एलान कर दिया था. उन्होंने कहा था कि महिला आरक्षण बिल राजनीतिक डकैती है औऱ इसे किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
मोदी के सामने तेवर गायब
नरेंद्र मोदी सरकार ने गुरूवार को राज्यसभा में महिला आऱक्षण बिल पेश किया. बुधवार को इसे लोकसभा से पास कराया जा चुका है. लोकसभा में राजद का कोई सांसद नहीं है. लिहाजा ये लालू यादव के समर्थक ये उम्मीद कर रहे थे कि राज्यसभा में राजद के सांसद वैसा ही विरोध करेंगे जैसा 2010 में किया था. बता दें कि राज्यसभा में राजद के पांच सांसद हैं. इनमें लालू-राबड़ी की पुत्री मीसा भारती भी शामिल हैं. लेकिन राज्यसभा में आज महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राजद के तमाम सांसद चुपचाप बैठे रहे. महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान राजद की ओर से मनोज कुमार झा ने अपनी पार्टी का पक्ष रखा. पार्टी लाइन के मुताबिक उन्होंने बिल का विरोध किया. लेकिन राजद के किसी सांसद ने उत्पात मचाने की कोई कोशिश नहीं की.
वैसे राजद को झटका नीतीश कुमार ने भी दिया है. नीतीश कुमार ने खुले तौर पर महिला आरक्षण बिल का समर्थन करने का एलान कर दिया है. इसके बाद सवाल ये उठने लगा कि जैसे 2010 में लालू यादव ने महिला आरक्षण बिल को लेकर मनमोहन सिंह की सरकार से समर्थन वापस लेने का एलान किया था, क्या वे वैसे ही नीतीश कुमार से नाता तोड़ लेंगे. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव की ओर से इसका कोई जवाब नहीं आया है.