अमरनाथ एक्सप्रेस की बोगी में महिला ने दिया बच्चे को जन्म, समस्तीपुर में भर्ती फतुहा में पुनपुन नदी में नाव पलटी, दो लापता; 18 लोग तैरकर बचे नीसा देवगन बनीं ग्रेजुएट, काजोल ने चिल्लाकर कहा.. ‘कम ऑन बेबी’, वीडियो वायरल अरवल: हत्या के दो फरार आरोपियों के घर पुलिस ने चिपकाया इस्तेहार, 30 दिन में सरेंडर का आदेश बिहार में शराब तस्करी का खेल जारी: अंडे की कैरेट के बीच छिपाकर मुजफ्फरपुर ले जाई जा रही थी 3132 लीटर विदेशी शराब, ट्रक जब्त Bihar News: 351 फीट का अनोखा कांवर लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे शिवभक्त, बाबा गरीबनाथ धाम में करेंगे जलाभिषेक दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल दिल्ली में स्वामी करपात्री जी की जयंती पर भव्य समारोह, केंद्रीय मंत्री, सांसद और पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई हुए शामिल कंकड़बाग में युवक पर चाकू से हमला, आपसी रंजिश का मामला; तीन आरोपी गिरफ्तार समाजसेवी अजय सिंह ने बाढ़ प्रभावित जवैनिया गांव का किया दौरा, राहत सामग्री का किया वितरण
1st Bihar Published by: Updated Sun, 15 Mar 2020 06:52:49 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार के डिप्टी सीएम सह वित्त मंत्री और जीएसटी काउन्सिल के मेंबर सुशील कुमार मोदी ने मोबाइल फोन के दाम बढ़ने पर सफाई दी है। उन्होनें कहा कि जीएसटी स्लैब में सुधार होने से मोबाइल फोन की कीमतों पर मामूली असर पड़ेगा।
डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में सर्वसम्मति से मोबाइल पर टैक्स की विसंगति दूर कर 12 से 18 प्रतिशत करने से उसकी कीमत में मामूली वृद्धि की संभावना है। दरअसल मोबाइल पर जीएसटी की 12 और उसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर 18 से 28 प्रतिशत टैक्स की दर होने से भारत में निर्मित मोबाइल सेट बाहर से आने वाले सेटों से महंगा पड़ रहा था। भारत में हर साल 29 करोड़ मोबाइल सेट बनता है और निर्माताओं का 5,500 करोड़ रुपये रिफंड का बकाया है, क्योंकि आउटपुट से इनपुट पर टैक्स की रेट ज्यादा थी।
उन्होनें बताया कि जीएसटी कौंसिल की बैठक में टैक्सपेयर को राहत देते हुए किसी सीए से अपने खातों की ऑडिट कराने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। पहले दो करोड़ से ज्यादा वार्षिक टर्नओवर वालों के लिए ऑडिट करना अनिवार्य था जिससे उन पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था। अब वे इन्कम टैक्स या अन्य किसी कानून के तहत कराए गए ऑडिट रिपोर्ट को जीएसटी के अन्तर्गत दाखिल कर सकेंगे। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 5 करोड़ से कम टर्नओवर वालों को वार्षिक रिटर्न और रिकान्सिलेशन विवरणी दाखिल करने से मुक्त करते हुए शेष के लिए इसकी समयावधि 31 मार्च से बढ़ा कर 30 जून, 2020 कर दिया गया है।समय पर विवरणी दाखिल नहीं करने वालों को विलम्ब शुल्क के साथ 18 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज का भुगतान करने के मामले में एक महत्वपूर्ण लिया गया है कि अब वे 01 जुलाई, 2017 के प्रभाव से ग्रोस पर नहीं नेट पर इसको जमा करेंगे।
सुशील मोदी ने कहा कि बड़े पैमाने पर करवंचना और निबंधन के फर्जीवाड़े को रोकने के लिए पहली अप्रैल से जीएसटी के अन्तर्गत नए निबंधन कराने वालों के लिए आधार संख्या देना अनिवार्य कर दिया गया है। वर्तमान करदाताओं के आधार संख्या को भी धीरे-धीरे जोड़ दिया जाएगा। फर्जीवाड़े को रोकने लिए ‘अपने सप्लायर को जानें’ के तहत कोई भी डीलर आपूर्तिकर्ता के इनकम टैक्स, पिछला 20 विवरणी दाखिल करने की स्थिति, ई-वे बिल, सकल बिक्री व कर भुगतान की पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।