PATNA : बिहार विधान परिषद सदस्य चुनाव को लेकर भाजपा और जेडीयू के बीच टेंशन शुरू हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार विधान परिषद चुनाव को लेकर बराबरी की हिस्सेदारी की डिमांड कर दी है. इतना ही नहीं कुशवाहा ने एनडीए के छोटे घटक दल वीआईपी और हम को भी विधान परिषद चुनाव में हिस्सेदारी देने की भी मांग कर दी है.
लेकिन उपेंद्र कुशवाहा द्वारा सीट शेयरिंग पर दिए गए बयान को बीजेपी नेताओं ने कोई महत्व नहीं दिया. डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कहा उपेंद्र कुशवाहा के बयान का कोई महत्व नहीं है. शीर्ष नेतृत्व तय चुनावी फार्मूला तय करेगाकि कितने सीटों पर उम्मीदवार उतारने हैं.
वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने भी साफ़ कहा कि मैं उन लोगों का ही जवाब दूंगा जो अधिकारिक तौर पर अधिकृत हैं. संजय जायसवाल ने कहा कि मैं प्रदेश अध्यक्ष या फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर ही जवाब दूंगा कुशवाहा के बयान का कोई मोल नहीं है.
बता दें कि इस वक्त बिहार विधानसभा में एनडीए की ओर से बीजेपी के सबसे ज्यादा 74 विधायक हैं. वहीं MLC के तौर पर रिटायर होने वाले 24 विधायकों में 13 बीजेपी के हैं. अगर उपेंद्र कुशवाहा की डिमांड को बीजेपी मानती है तो उसे विधान परिषद में अपनी ताकत कम करनी होगी.
एक राजनीतिक दल के तौर पर बीजेपी कभी नहीं चाहेगी कि विधान परिषद में वह अपनी सीटिंग सीटों को किसी दूसरे दलों के लिए छोड़े. स्वभाविक है कि बीजेपी के जिन MLC का टिकट कटेगा उनके बगावती होने के आसार होंगे.