MLC चुनाव में RJD से सीट मांग रही कांग्रेस की भारी बेईज्जती: लालू मिलने तक को तैयार नहीं, तेजस्वी नोटिस ही नहीं ले रहे

MLC चुनाव में RJD से सीट मांग रही कांग्रेस की भारी बेईज्जती: लालू मिलने तक को तैयार नहीं, तेजस्वी नोटिस ही नहीं ले रहे

PATNA: बिहार में 24 सीटों पर होने वाले एमएलसी चुनाव को लेकर बीजेपी औऱ जेडीयू के बीच आज समझौते का एलान हो गया. लेकिन महागठबंधन का क्या होगा. इस सवाल का जवाब तलाशना है तो कांग्रेस का हाल देख लीजिये. बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा पिछले दो दिनों से दिल्ली में डेरा डाल कर बैठे हैं, एक दफे लालू यादव से मुलाकात हो जाये. लेकिन लालू मिलने को तैयार नहीं हैं. तेजस्वी यादव तो कांग्रेस का कोई नोटिस ही नहीं ले रहे हैं।


मुलाकात होगी तब न बात होगी

दिल्ली में कैंप कर रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से मीडिया ने पूछा कि एमएलसी चुनाव में गठबंधन का क्या हुआ. मदन मोहन झा बोले-RJD से अभी तक कोई बात नहीं हुई है. बात होगी तो बैठकर न होगी. रोड पर चलते फिरते तो बात नहीं हो सकती है न. अभी तक तालमेल पर जो कोई ठोस बातचीत होनी चाहिये वह नहीं हो पायी है।


कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारे लोगों की राय है कि राजद से तालमेल किया जाये. हमारी पार्टी में 10-12 उम्मीदवार हैं जो एमएलसी चुनाव लड़ना चाहते हैं. उन्होंने अपना आवेदन भी हमारे प्रदेश कार्यालय में जमा किया है. लेकिन हमारी कोई बात राजद से नहीं हो पायी है. मदनमोहन झा बोले-हमको लगता है कि तेजस्वी जी कहीं बाहर हैं. अभी लौटे नहीं है. वे वापस आयेंगे तो आपस में बात करेंगे. तब शायद हम लोगों को कोई खबर दी जायेगी तो हमलोग मिल सकते हैं. 


मदन मोहन झा ने इतना तो साफ कर दिया कि एमएलसी चुनाव को लेकर राजद ने अब तक कांग्रेस का कोई नोटिस ही नहीं लिया है. लालू-तेजस्वी सीट छोड़ने की बात तो दूर मिलने तक को तैयार नहीं हैं. तेजस्वी तो फोन पर बात भी नहीं कर रहे हैं. 


कांग्रेस को कोई भाव नहीं देंगे तेजस्वी

वैसे कांग्रेस भले ही उम्मीद कर रही है लेकिन हकीकत ये है कि तेजस्वी यादव कांग्रेस को कोई भाव नहीं देंगे. वे दो सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की हैसियत को परख चुके हैं. तेजस्वी कांग्रेसी नेताओं की उस बयानबाजी को भी नहीं भूल हैं जो विधानसभा उप चुनाव के दौरान की गयी थी. लिहाजा एमएलसी चुनाव को लेकर तेजस्वी ने सारी तैयारी अकेले की है।


 वे एमएलसी की 24 सीटों में से लगभग 20 सीटों पर उम्मीदवार का चयन कर चुके हैं. राजद के उम्मीदवार वोट मांगने के लिए घूम रहे हैं. जो 4 सीट बाकी बची है उसमें से एक सीट सीपीआई के लिए छोड़ने का फैसला ले चुके हैं. बाकी के 3 सीटों पर भी अगर दमदार उम्मीदवार मिल जाये तो तेजस्वी वहां से भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं. 


राजद सूत्र बता रहे हैं कि तेजस्वी के साथ साथ लालू यादव का भी मानना है कि कांग्रेस को सीट देने का मतलब है एनडीए को सीट गिफ्ट कर देना. 2020 के विधानसभा चुनाव से राजद को यही सबक मिला है. कांग्रेस ने जैसे तैसे टिकट बांटा और नतीजा ये हुआ कि राजद सत्ता में आते आते रह गयी. 2020 के चुनाव के बाद से राजद ने कांग्रेस को कोई भाव नहीं देने का मन रखा है.