PATNA : बिहार में जातीय आधारित गणना का रिपोर्ट जारी कर दिया गया है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद से विपक्षी दल और सत्तारूढ़ दल के नेता लगातार इस पर सवाल उठा रहे हैं। ऐसे में अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर पटना में मेगा रैली करने जा रहे हैं। यह रैली 10 अक्टूबर यानी आज गांधी मैदान में होगी।इस महारैली में बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत कई नेताओं के शामिल होने की संभावना है।
दरअसल, समाजवादी पार्टी से नाता तोड़ने और एनडी में शामिल होने के बाद यह पहला मौका होगा जब राजभर की एसबीएसपी और बीजेपी नेता किसी राजनीतिक कार्यक्रम में एक साथ मंच पर नजर आएंगे। अरुण राजभर ने सीधे तौर पर कहा है कि - यह रैली ओबीसी समाज के लोगों को यह बताएगा कि कैसे बिहार में जातीय गणना के आंकड़ों में भर और राजभर जैसी कई ओबीसी जातियों को बाहर कर दिया है, जिनकी राज्य के दो दर्जन से अधिक जिलों में महत्वपूर्ण उपस्थिति है।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक फर्जी और मनमाने ढंग से की गई गणना थी। राजभर ने कहा कि रैली गरीबों को उनकी जमीन से बेदखल करने सहित जदयू-राजद सरकार के जनविरोधी कदमों को भी उजागर किया जाएगा। बिहार में हुई जातीय जनगणना की रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है। जनगणना की यह रिपोर्ट झूठ का पुलिंदा है। उन्होंने कहा है कि बिहार के करीब 150 गांवों के लोगों से उन्होंने बात की है, जिसमें लोगों ने बताया है कि कोई सर्वे करने उनके पास नहीं गया था। राजभर ने सवाल उठाया कि महज तीन महीने में बिहार सरकार ने इतनी बड़ी जनगणना पूरी कैसे कराई। बिहार की पिछड़ी जातियां मंडल, प्रजापति, नोनिया, चौहान, राजभर आदि के आंकड़ें छिपाए गए हैं।
राजभर ने कहा है कि वह पिछले 21 सालों से जातीय जनगणना कराने की बात करते आ रहे हैं। जातीय जनगणना होने पर ही यह पता चल सकेगा कि समाज की पिछड़ी जातियों की आबादी क्या है। जिसके आधार पर सरकारों की योजनाओं का लाभ उन्हें देकर उनका जीवन स्तर ऊंचा उठाने का काम सही तरीके से किया जा सकता है। एनडीए की बैठक जब भी होगी वह जातीय जनगणना कराने की बात रखेंगे।