मुजफ्फरपुर: पशु व्यवसायी से लूट का आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार, कैश भी बरामद सरैया बाजार से अयोध्या के लिए 17वां जत्था रवाना, अजय सिंह का हुआ जोरदार स्वागत Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला Bihar News: ‘परिवार बचाओ, संपत्ति बचाओ यात्रा पर निकले हैं तेजस्वी’ रोहित कुमार सिंह का बड़ा हमला बड़हरा में माई-बहन सम्मान योजना को मिला जबरदस्त समर्थन, 50 हज़ार से अधिक फॉर्म जमा Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Traffic Challan: माफ होंगे 12.93 लाख गाड़ियों के चालान, वाहन मालिकों को मिली बड़ी राहत Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी Bihar Politics: बिहार में विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त का मामला, BJP एमएलए से EOU ने तीन घंटे तक की पूछताछ; अब JDU विधायक की बारी मोतिहारी के इन सरकारी स्कूलों में 'चवन्नी' का काम नहीं और BSEIDC से करोड़ों की अवैध निकासी ! खुलासे के बाद भी भुगतान को लेकर 'पटना' भेजी जा रही सैकड़ों फाइल
1st Bihar Published by: Updated Mon, 17 Jan 2022 09:42:27 PM IST
- फ़ोटो
DESK: हिमालय की पहाड़ियों में मिलने वाला बुरांश का पौधा अब कोरोना के इलाज में कारगर साबित होगा। कोरोना मरीजों के लिए यह किसी संजीवनी से कम नहीं साबित होगा। IIT मंडी और ICGEB के रिसर्च टीम ने हिमालय की पहाड़ियों में मिलने वाले इस पौधे में कोरोना का इलाज ढूंढ निकाला है।
वैज्ञानिकों की माने तो बुरांश का पौधा कोरोना से लड़ने में मदद कर सकता है। इसके फूलों की पंखुड़ियों में मौजूद फाइटोकैमिकल नामक पदार्थ कोरोना को मल्टीप्लाई होने से रोकता है। इस केमिकल में कुछ ऐसे एंटी वायरल गुण होते हैं जिसके चलते कोरोना वायरस इनके सामने टिक नहीं पाता।
बुरांश का पौधा ज्यादातर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और कश्मीर में पाया जाता है। इसकी पंखुड़ियों के रस को लोग स्वस्थ रहने के लिए पहले से ही इस्तेमाल करते आ रहे हैं। यह पौधा शरीब में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार बुरांश के फाइटोकैमिकल शरीर में दो तरह से काम करते हैं। सबसे पहले ये कोरोना में मिलने वाले एक ऐसे एंजाइम से जुड़ जाते हैं जो वायरस को अपना डुप्लीकेट बनाने में मदद करता है। इसके अलावा यह शरीर में मिलने वाले ACE-2 एंजाइम से भी जुड़ जाता हैं। ACE-2 एंजाइम के जरिए ही वायरस हमारी बॉडी में प्रवेश करता है।
फाइटोकैमिकल की इस जुड़ने की प्रक्रिया के कारण कोरोना वायरस हमारी बॉडी के सेल्स को इन्फेक्ट नहीं कर पाता और संक्रमण का खतरा टल जाता है। मंडी IIT के प्रोफेसर डॉ. श्याम कुमार मसकपल्ली का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास है कि बुरांश पौधे से कोरोना का इलाज संभव हो पाएगा। उनकी टीम हिमालय में मिलने वाले और भी औषधीय पौधों में कोरोना का इलाज ढूंढ रही है।