PATNA : पटना नगर निगम के सफाई कर्मियों की हड़ताल ने राजधानी की स्थिति नारकीय कर दी है। पटना में हर तरफ कचरा ही कचरा फैला है और अब हालात संक्रमण और बीमारियों के फैलने जैसा बन चुका है। सरकार के जिस फैसले के विरोध में सफाई कर्मियों ने हड़ताल शुरू की थी उस पर तत्काल रोक भी लगा दिया गया लेकिन उसके बावजूद हड़ताली सफाई कर्मी काम पर नहीं लौटे। हैरत इस बात पर है कि पटना कि जिस मेयर पर राजधानी को साफ करवाने की जिम्मेदारी है वही हड़ताली कर्मियों को पहले दिन से भड़काती रहीं।
दरअसल निगम के दैनिक भोगी कर्मियों की सेवाएं लेने पर रोक के फैसले के खिलाफ मेयर सीता साहू ने पहले ही दिन मोर्चा खोल दिया था। मेयर लगातार यह कह रही थी कि सफाई कर्मियों के हित में सरकार नहीं सोच रही है। हड़ताल के शुरुआती 4 दिनों में मेयर सीता साहू लगातार सफाई कर्मियों के समर्थन में बयान देती रहीं लेकिन अब जब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई तब मेयर हड़ताली कर्मियों से वार्ता की पहल कर रही हैं।
5 फरवरी को भी निगम बोर्ड की बैठक में सीता साहू ने सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में जाने तक की बात कही थी। चर्चा है कि मेयर सीता साहू हड़ताल खत्म कराने का क्रेडिट अपने माथे लेना चाहती थीं लेकिन अब सरकार और मेयर को बैकफुट पर आता देख हड़ताली कर्मी भी अपनी बात मनवा लेने की जिद पर अड़े हुए हैं।