PATNA: लोकसभा से महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद आज राज्यसभा में इस पर लगातार चर्चा हो रही है। महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर हो रही चर्चा के बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार,राबड़ी देवी और कांग्रेस के जो लोग महिला आरक्षण विधेयक को तुरंत लागू करने के लिए दबाव बना रहे हैं, वे चाहते हैं कि यह विधेयक संसद से पारित होते ही सुप्रीम कोर्ट में जा कर फँस जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक लोकसभा में दो तिहाई से भी अधिक बहुमत से पारित कराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिली सफलता विपक्ष को पच नहीं रही, इसलिए वे इसके लागू होने पर संदेह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह विधेयक पूरी वैधानिकता के साथ 2029 में अवश्य लागू होगा, यह भरोसा रखना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि बिना जनगणना कराये सरकार यह नहीं तय कर सकती कि कितनी और कौन-कौन सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से यही परम्परा रही कि जनगणना के आंकड़ों के आधार पर परिसीमन आयोग आरक्षित सीटों का निर्धारण करता है। जो लोग जल्दबाजी में महिला आरक्षण को 2024 के संसदीय चुनाव से लागू कराने की बात कर रहे हैं, वही ऐसे कदम के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट जाएँगे।
उन्होंने कहा कि 1991 में नरसिंह राव की सरकार ने कार्यपालक आदेश जारी कर ऊँची जाति के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दे दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इसे असंवैधानिक घोषित कर आरक्षण रद कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने 2019 में जब संविधान संशोधन बिल पास करा कर सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसद आरक्षण दिया, तब यह न्यायालय में खरा साबित हुआ। यही आरक्षण आज लागू है। महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने का फैसला करने और इसे लागू करने में एनडीए सरकार कोई वैधानिक त्रुटि नहीं छोड़ सकती।