महिला-दलितों का अपमान भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगा, बोले विजय सिन्हा..सदन में माफी मांगे नीतीश..CM पद से अविलंब दें इस्तीफा

महिला-दलितों का अपमान भाजपा बर्दाश्त नहीं करेगा, बोले विजय सिन्हा..सदन में माफी मांगे नीतीश..CM पद से अविलंब दें इस्तीफा

PATNA: बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अशोभनीय बातों से आहत पूर्व मुख्यमंत्री व दलित नेता जीतनराम मांझी से उनके पटना स्थित आवास पर बीजेपी नेताओं ने मुलाकात की। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने मांझी से मिलकर उनका हौसला बढ़ाया। कहा कि भारतीय जनता पार्टी महिला और दलितों का अपमान नहीं सहेगा। महागठबंधन की सरकार दलितों का अपमान करती है। भाजपा दलितों का अपमान नहीं सहेगी। 


विजय कुमार सिन्हा ने जीतनराम मांझी को जलील और अपमान करने की घटना को घोर निंदनीय बताया। कहा कि नीतीश कुमार सदन में माफी मांगे और अविलंब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें। नीतीश कुमार दलित और विधायिका का अपमान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री के बिगड़े बोल राजद के संगति और उन्मादी विचार,बिहार को बर्बाद कर देगा।


बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा सदन में दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, दलित नेता जीतनराम मांझी जी काफी आहत हैं। उनके आवास पर जाकर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी समेत भाजपा के कई विधायक एवं विधान पार्षदों ने सहानुभूति दी। कहा कि बिहार बीजेपी पूरी तरह से पूर्व सीएम जीतनराम मांझी के साथ है। पलटू कुमार के भद्दे बयान से आहत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, दलित नेता जीतनराम मांझी जी काफी आहत हैं। 


BJP ने कहा कि पलटू कुमार और एक राजपरिवार अपने घमंड के आगे बिहार की महिला, दलित, पिछड़ा सभी समुदाय का अपमान कर रहा है। विक्षिप्त मानसिकता के पलटू कुमार ने आज सदन में दलित समाज की पगड़ी को हवा में उछाल दी? एक बुजूर्ग व्यक्ति, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और दलित समाज के वरिष्ठ नेता जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ने तू-तड़ाक करके बोला। ये पूरे दलित समाज के सम्मान को हवा में उछालने का काम है। पलटू जी ने जब 2013 में पलटी मारी थी, तब की चुनावी रंजिश को भी स्वीकार्य कर साबित कर दिया सीएम चाल-चलकर बनाए हैं। दलित समाज से इनकी नफरत सरेआम आ गई।


बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व सीएम व हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी को जलील किया उन्हें तूम-तड़ाका किया। नीतीश कुमार के इस रवैय्ये से बीजेपी नेता आरसीपी सिंह भी हैरान हैं। उन्होंने तत्काल नीतीश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देने की बात कही। कहा कि वे मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं उन्हें इलाज की जरूरत है। 


बीजेपी नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने कहा कि जीतनराम मांझी जी उम्र में नीतीश बाबू से बड़े हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी से पहले आदरणीय मांझी जी बिहार में विधायक तथा मंत्री के पद पर रहे। आज जिस प्रकार से नीतीश बाबू ने जीतनराम मांझी जी को विधानसभा में जलील किया,वो कहीं से उचित नहीं है। यह दर्शाता है कि नीतीश कुमार न सिर्फ़ अपना आपा खो चुके हैं बल्कि मानसिक रूप से बीमार हो चुके हैं। तत्काल उन्हें अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए और अपना इलाज करवाना चाहिए जिससे कि वो अपने बचे हुए समय में स्वस्थ रह सकें।


दरअसल जीतनराम मांझी विधानसभा में जातीय गणना की रिपोर्ट पर बोल रहे थे। तभी नीतीश ने सदन के अंदर दलित तबके से आने वाले नेता को जलील कर दिया। नीतीश काफी देर तक जीतन राम मांझी को तू-तड़ाक करते रहे लेकिन विधानसभा अध्यक्ष से लेकर सत्ता पक्ष के तमाम लोग चुपचाप बैठे तमाशा देख रहे थे। नीतीश के इस व्यवहार से मांझी काफी आहत हुए उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि पांच महीना और मुख्यमंत्री हम रह जाते तो नीतीश को कोई कुत्ता भी नहीं पूछता। मांझी ने कहा कि मुझे नीतीश की बातों पर गुस्सा नहीं बल्कि दया आ रही है। महामहिम राज्यपाल से मिलकर मुख्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग करेंगे।


बता दें कि आरक्षण संशोधन बिल-2023 पर सदन में चर्चा हो रही थी। सदन में पूर्व मुख्यमंत्री व हम पार्टी के संरक्षक जीतनराम मांझी ने जब जातीय गणना पर सवाल उठाते हुए कहा कि हमको जातीय गणना पर विश्वास नहीं है। जातीय गणना करने के लिए लोग घर-घर नहीं गये बल्कि टेबल पर बैठकर इसे तैयार कर दिया गया। ऐसा रिपोर्ट से अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति का कभी उत्थान नहीं सकता वो कल भी वंचित थे और आगे भी इस रिपोर्ट के कारण वंचित रह जाएंगे। इतना सुनते ही मुख्यमंत्री भड़क गये कहने लगे कि इनकों कुछ आईडिया है वो तो मेरी गलती थी कि इस आदमी को मुख्यमंत्री बना दिया था। इस आदमी को कोई सेंस नहीं है ऐसे ही बोलते रहता है। यही जानकर हमने उधर भगा दिया।


 नीतीश ने मीडिया से कहा कि आप लोग भी सुन लो बेवजह इसके पब्लिसिटी देते रहते हो। ई कहता है कि हम भी मुख्यमंत्री थे। बीजेपी की ओर इशारा करते हुए नीतीश ने कहा कि एक मेरा सुझाव हैं कि आप लोग के पीछे यह इसलिए घूम रहा हैं कि यह गवर्नर बनना चाहता है। इसे गवर्नर बना दीजिए हमको भी कहता था। आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीतनराम मांझी पर जमकर बरसे। जीतन राम मांझी बोल ही रहे थे कि नीतीश कुमार बेकाबू होकर उठ खडे हुए. उन्होंने जीतन राम मांझी को तू तड़ाक करते हुए बेइज्जत करना शुरू कर दिया. नीतीश ने बोलना शुरू किया-इसको कोई आइडिया है, ये तो मेरी गलती है जो इस आदमी को हमने बना दिया था मुख्यमंत्री. कोई सेंस नहीं है इसके. ऐसे ही बोलता रहता है, कोई मतलब नहीं है. ये भाग के चला आया था।


नीतीश कुमार सदन में बोल रहे थे-हम इसको(जीतन राम मांझी) को कह रहे थे कि आपही लोगों (भाजपा) के साथ रहिये. लेकिन ये भाग कर चला आया था हमारे 7 पार्टियों के गठबंधन में. फिर हम जानकर के भगा दिये उधर. कोई सेंस है..नीतीश कुमार की आपत्तिजनक बातों के बीच जीतन राम मांझी बोल रहे थे-ये गलत बात है. लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. उधर नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को कह रहे थे-बैठो न यार, अरे सुनो न यार, कुछ जानते हो, बैठो. नीतीश फिर भाजपा विधायकों की ओर मुड़े-2013 में जब आप लोगो को छोड़ दिये थे तो हम इसको(मांझी को) बना दिये थे. दो ही महीना में हमारी पार्टी का लोग कहने लगा कि गड़बड़ है तो हम इसको हटा दिये थे और फिर हम बन गये थे. अब कहता रहता है कि मैं भी मुख्यमंत्री था. अरे, इ क्या मुख्यमंत्री था. इ तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना.


सदन के उपर प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकारों की ओर देखते हुए नीतीश कुमार बोले-आप उपर वाला भी जान लो, बिना मतलब का रोज इसको छापते हैं, कोई सेंस है इसमें. फिर बीजेपी विधायकों को कहा-एक मेरा सुझाव है कि आपही लोगों के पीछे इ घूम रहा है. इ चाहता है गवर्नर बनना. ये हमलोगों के साथ था तब भी जाकर उलटा पुलटा बोलता था. तो लगा दीजिये गवर्नर इसको. अरे बनना चाहता है ये गवर्नर. अरे आप काहे नहीं बनाते हैं गवर्नर. इसको गवर्नर बना दीजिये. 


नीतीश की बातों के विरोध में बीजेपी विधायकों ने शोर करना शुरू कर दिया. नीतीश बीजेपी विधायकों से भिड़ गये. नीतीश ने कहा कि मेरा गदहपन था जो इसको बना दिये थे. आप लोग अरे गवर्नर काहे नहीं बना देते हैं इसको. गर्वनर बनने के लिए पीछे घूम रहा है. इसके (मांझी के) परिवार का लोग इसके विरोध में है. ये कोई काम का आदमी नहीं है, फालतू है. नीतीश कुमार फिर बीजेपी विधायकों से भिडे-नारा लगा रहे हो, इसको(मांझी को) मुख्यमंत्री कौन बनाया. आप लोग बनाये हैं. भूल गये हो. कौन बनाया था उसको मुख्यमंत्री. मेरी गदहपनी जो इसको मुख्यमंत्री बना दिये. अब कह रहे हो पूर्व मुख्यमंत्री. नीतीश कुमार ने कहा कि मैं जान बूझ कर बोल रहा हूं. हम चाहते हैं कि तुम एक्सपोज हो जाओ. एक्सपोज्ड हो जाओ और इन लोगों के साथ रहो. 


इससे पहले भी नीतीश कुमार ने सदन में अमर्यादित टिप्पणी की थी जिसके बाद अपने इस बयान को लेकर उन्हें माफी तक मांगनी पड़ गयी। नीतीश कुमार के लगातार इस तरह के व्यवहार पर चिराग पासवान चिंता जताते हुए कहा कि मेरी चिंता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर है। नीतीश कुमार नपे तुले शब्दों में बोलने के लिए जाने जाते थे उनका लंबा अनुभव राजनीति में रहा है लेकिन आज वही व्यक्ति बोलने में गड़बड़ा रहा है। आज उनकी जवाब फिसल रही है। ऐसा लगता है कि कही कोई गलत है उनके आस-पास के लोगों को भी उनके प्रति चिंता करनी चाहिए। चिराग पासवान ने कहा कि ऐसे मुख्यमंत्री के नेतृत्व में यह प्रदेश चले यह ठीक नहीं है। चिराग पासवान ने कहा कि जल्द ही लोजपा रामविलास का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलकर इस मामले को स्वत संज्ञान लेने के लिए आग्रह करेंगे और केंद्र सरकार से बिहार में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करेंगे साथ ही यह अपील करेंगे की नीतीश कुमार का इलाज किसी अच्छे अस्पताल में करायी जाए।