PATNA : माघ पूर्णिमा का पर्व 5 फरवरी को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से और दान दाने से जातक के सभी दुखों की निवारण हो जाता है। साथ ही इस गंगा स्नान करने और विष्णु भगवान की पूजा की जाती है। हिन्दू धर्म में शास्त्र के अनुसार माघ का महीना अत्यधिक विशेष होता है। माघ का ये खास महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। भगवान विष्णु की पुजा पाठ, जाप, अनुष्ठान ध्यान मंत्र का आयोजन कराया जाता है।
आपको बता दें कि, माघ पुर्णिमा को माघी पुर्णिमा भी कहते है। इस दिन सभी लोग गंगा के तट पर जा के स्नान करते है। लेकिन स्नान करने का एक शुभ मुहूर्त होता है। सभी भक्त उस मुहूर्त के अनुसार ही गंगा स्नान किया जाता है।
माघी पुर्णिमा के दिन गंगा नदी में स्नान करने का विशेष महत्व है। पूरे देश के ऋषि-मुनि, साधु-संत माघी पुर्णिमा का इंतेजार करते है। मान्यता है कि माघ की पुर्णिमा के दिन गंगा में स्नान करने से भक्त के सारे रोग, कष्ट, दोष नवग्रह दोष, इत्यादि समाप्त हो जाते हैं। इस दिन भक्ति भाव से जो भी भक्त गंगा में स्नान करते हैं, उन्हें पुर्ण्य अर्जित होता है। उनके जीवन में हर्ष- उल्लास, सुख, शांति, धन, मान इत्यादि की बढ़ोत्तरी होती है। इस दिन किए गए अनुष्ठान से पुण्य मिलता है। अच्छे कर्म करने से उसका फल हमेशा अच्छा ही होता है, और पुण्य का कभी नाश नहीं होता है, वह सदैव के लिए आपके साथ रहता है।
माघ पुर्णिमा 5 फरवरी को मनाया जाएगा। जिसका शुभ मुहूर्त 4 फरवरी के रात्रि 9.29 से शुरु होकर 5 फरवरी को रात्रि 11.58 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार गंगा स्नान 5फरवरी को की जाएगी, साथ ही आपको ये भी बता दें कि, गंगा स्नान के लिए 5 फरवरी को सुबह 10 बजे से पहले स्नान करना अत्यधिक उतम रहेगा। अगर आप गंगा नदी में नहीं जा पाए हैं तो आप घर पर भी सुबह ब्रम्ह मुहूर्त में जल पात्र में थोड़ा सा गंगा जल मिला के स्नान कर सकते हैं। स्नान करते समय आप विष्णु भगवान के मंत्रों का उच्चारण करें।
इसके आलावा गंगा स्नान करने के बाद विष्णु भगवान को प्रिय समान तिल का दान करें। जरुरतमंदों को गर्म कंबल इत्यादि का दान करें। कहा जाता है कि माघी पुर्णिमा के दिन अगर आप केवल गंगा जल को छू लेने से वैकुंठ की प्राप्ति होती है। यही कारण है कि इस दिन हर आदमी को निश्चित रुप से गंगा स्नान करना चाहिए।मान्यता है कि, इस दिन भगवान विष्णु धरती पर आते हैं और पूरा दिन गंगा में वास करते हैं। इसलिए माघी पुर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है।