PATNA : बिहार के प्लस टू स्कूलों में कार्यरत 4203 अतिथि शिक्षकों की उम्मीदें सरकार के प्रति फिर से बढ़ गयी हैं। आज विधान परिषद में बिहार के माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षकों की लेवल 7-8 वेतन की मांग पर सरकार के गंभीरता पूर्व विचार और उचित कार्रवाई के आश्वासन के बाद अतिथि शिक्षकों को लगने लगा है कि सरकार उनके 60 वर्ष के नियमितिकरण की मांग को भी जल्द मान लेगी।
अतिथि शिक्षकों के मामले को बिहार विधान मंडल के बजट सत्र में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान परिषद सदस्य केदार पांडेय सदन में उठा चुके हैं। उन्होनें सरकार के समक्ष सूबे के 4203 अतिथि शिक्षकों को 60 साल तक नियमित करने की मांग सरकार के सामने रखी है। इससे पहले शीतकालीन सत्र में भी केदार पांडेय और आरजेडी नेता अब्दुलबारी सिद्दीकी सरकार के समक्ष रख चुके हैं।
बिहार राज्य उच्चतर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेन्द्र कुमार का कहना है कि सूबे के प्लस टू स्कूलों में कार्यरत 4203 अतिथि शिक्षकों को उस वक्त बड़ा बल मिला था जब सीएम नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली यात्रा के दौरान मोतिहारी,मधेपुरा और किशनगंज में अतिथि शिक्षकों को नियमित करने का आश्वासन दिया था। उन्होनें कहा कि सीएम के आश्वासन के बावजूद सभी 4203 पदों को रिक्त दिखाते हुए सरकार ने नये अभ्यर्थियों को मौका दे दिया जो असंवैधानिक है।
नरेन्द्र कुमार के मुताबिक सभी अतिथि शिक्षक पूरी योग्यता रखते हैं। वे स्नातकोत्तर और बीएड पास हैं। उनका कहना है कि 2018 में उनकी नियुक्ति की गयी थी लेकिन दो साल बीतने के बाद भी सरकार कोई ठोस नियमावली नहीं बना सकी। प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि नीतीश सरकार शिक्षकों के लिए बहुत कुछ किया है और उनकी छोटी सी नियमितीकरण की मांग को भी सरकार मान लेगी। ऐसा सभी अतिथिशिक्षकों को उम्मीद है।