Shashi Tharoor: अमेरिका में बैठ थरूर की पाकिस्तान को चेतावनी, बोले "धैर्य की परीक्षा ली तो अगली बार अंजाम होगा और भी भयानक" Bihar News: राजगीर पुलिस अकादमी का होगा विस्तार, इन सुविधाओं पर खर्च किए जाएंगे करोड़ों Bihar Weather: अगले 4 दिन उमस भरी गर्मी करेगी परेशान, इन जिलों में छिटपुट बारिश संभव प्रशांत किशोर का राहुल गांधी पर हमला: "रेवंत रेड्डी के बयान पर स्पष्ट करें अपनी स्थिति, बिहारियों का अपमान बर्दाश्त नहीं" जेपी सेतु पर बड़ा हादसा: टक्कर के बाद कार और वैन में लगी आग, दोनों गाड़ियां जलकर खाक पेट्रोल पंप कर्मी की ईमानदारी बनी मिसाल: बाइक सवार का 5 लाख रुपए से भरा बैग पुलिस को लौटाया पर्यावरण दिवस पर भाजपा नेता अजय सिंह ने किया वृक्षारोपण, पर्यावरण संरक्षण का लिया संकल्प विश्व पर्यावरण दिवस पर संजीव मिश्रा ने की लोगों से अपील, कहा..बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर लगाये पौधे बिहार के भाजपा नेता के बयान से भड़के राहुल गांधी, कहा..क्या ऐसे लोग महिलाओं की सुरक्षा करेंगे? Bihar News: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो ने ट्रक में मारी जोरदार टक्कर, 6 लोग बुरी तरह से घायल
1st Bihar Published by: DEEPAK RAJ Updated Sat, 23 Sep 2023 08:44:56 PM IST
- फ़ोटो
BAGAHA: बगहा में लगातार मगरमच्छ को पकड़ने का मामला सामने आ रहा है। मंगलपुर के पोखरा में आज एक बार फिर मगरमच्छ का रेस्क्यू किया गया है। दरअसल मछली मारने के लिए मछुआरों ने जाल डाला था लेकिन मछली की जगह इस जाल में मगरमच्छ फंस गया। काफी मशक्कत के बाद पोखरा से मगरमच्छ को निकाला जा सका।
फिलहाल मगरमच्छ को मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों को सौंपा गया है। मदनपुर प्रक्षेत्र अंतर्गत रामपुर वन परिसर के वनरक्षी गौरीशंकर दुबे ने बताया कि वन कर्मियों की टीम के मौके पर पहुंची और मगरमच्छ को कब्जे में लेते हुए उसे गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ा। बता दे कि दो दिन पहले ही इस पोखर से सटे रेलवे ट्रैक पर दो मगरमच्छों को कटा हुआ पाया गया था।
दरअसल लगातार गंडक नदी से निकलकर मगरमच्छ इन क्षेत्रों में पहुंच रहे हैं। दरअसल घड़ियाल संरक्षण और संवर्धन के कार्य किया जा रहा है। जिसके परिणाम भी बहुत अच्छे मिल रहे है। मगरमच्छ की संख्या में अच्छी खासी वृद्धि हुई है लेकिन उचित रख रखाव के अभाव में मगरमच्छ नदी से भटक कर ग्रामीण क्षेत्रो में निकल रहे हैं। जिससे मगरमच्छ के साथ-साथ आम लोगों की भी जानमाल को क्षति हो रही है।
दो मगरमच्छों का रेलवे ट्रैक पर इस प्रकार दुर्घटनाग्रस्त होना इनके लिए किए गए सुरक्षा व संवर्धन पर एक गम्भीर सवाल खड़ा करता है। अगर इसकी सही दिशा में जांच पड़ताल किया जाय तो आज भी दर्जनों मगरमच्छ आस-पास के गांवों में छोटे-बड़े आहर, पोखर व तालाबों में अपना डेरा डाले हुए है जहां आये दिन ग्रामीण और मवेशी इसके शिकार हो रहे हैं।