तेजस्वी को चुनौती देने चले तेजप्रताप को पहली चाल में ही मिली मात: बौखलाकर कहा-भाई के सलाहकार रच रहे हैं सी ग्रेड की कहानी

तेजस्वी को चुनौती देने चले तेजप्रताप को पहली चाल में ही मिली मात: बौखलाकर कहा-भाई के सलाहकार रच रहे हैं सी ग्रेड की कहानी

PATNA : लालू-राबड़ी फैमिली में जारी जंग में परिवार के बड़े लाल तेजप्रताप यादव को अपनी पहली ही चाल में मात का सामना करना पड़ा. तारापुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में तेजप्रताप यादव के छात्र जनशक्ति परिषद समर्थित उम्मीदवार संजय यादव ने पर्चा भरने के अगले ही दिन नाम वापस लेने और तेजस्वी के लालटेन की रोशनी तेज करने का एलान कर दिया. इसके बाद बौखलाये तेजप्रताप यादव ने अपने भाई तेजस्वी के सलाहकार पर निशाना साधा है. तेजप्रताप यादव ने कहा कि उनके खिलाफ सी ग्रेड फिल्मों जैसी कहानी रची जा रही है.

पहला ही दांव फेल

दरअसल बिहार में विधानसभा की दो सीटों तारापुर और कुशेश्वरस्थान में उप चुनाव हो रहे हैं. दो सीटों पर होने वाले उप चुनाव बिहार की सिय़ासत के लिए काफी अहम हो गया है. इस उप चुनाव के परिणाम बिहार की सियासत की दिशा तय करने वाले हैं. लिहाजा जेडीयू से लेकर राजद ने जी-जान लगा दिया है. इसी बीच अपने भाई से नाराज तेजप्रताप यादव ने बड़ा दांव खेल दिया था. तेजप्रताप यादव ने कुछ दिनों पहले अपना नया संगठन छात्र जनशक्ति परिषद बनाया है. उस संगठन के नेता संजय यादव ने तारापुर सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया.

तारापुर से नामांकन करने के बाद संजय यादव ने कहा कि चूंकि छात्र जनशक्ति परिषद को चुनाव आयोग से मान्यता नहीं मिली है इसलिए वो निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे हैं. शुक्रवार को नामांकन करने के बाद उन्होंने दावा किया कि उनके लिए चुनाव प्रचार करने तेजप्रताप यादव भी आयेंगे. संजय यादव ने ये भी कहा कि तेजप्रताप यादव की सहमति से ही उन्होंने नामांकन का पर्चा भरा है. 


अगले ही दिन पलट गये संजय यादव

तेजप्रताप य़ादव के दूत बताये जा रहे संजय यादव ने शुक्रवार को नामांकन किया लेकिन अगले ही दिन पलट गये. शनिवार की रात वे तेजस्वी यादव के घर पर पहुंच गये. तेजस्वी के सामने उन्होंने राजद की सदस्यता लेते हुए नामांकन वापस लेने का एलान कर दिया. संजय यादव ने कहा कि वे गलतफहमी में चुनाव लडने चले गये थे अब राजद उम्मीदवार को जीत दिलाने का काम करेंगे.

बौखलाये तेजप्रताप यादव ने हमला बोला

अपनी पहली चाल में मात खाये तेजप्रताप यादव ने संजय यादव के पलटने के बाद ट्वीटर पर जवाब दिया. तेजप्रताप यादव ने कहा कि संजय यादव की उम्मीदवार को लेकर उन्होंने खुद नहीं कहा था. तेजस्वी के सलाहकार खुद ही सी ग्रेड फिल्मों जैसी स्क्रिप्ट लिख रहे हैं. ट्वीटर पर तेजप्रताप यादव ने लिखा

“मेरे लिए चुनाव में आदरणीय तेजप्रताप यादव जी प्रचार करेंगें-संजय यादव. जनता के लिए संजय यादव जी ने अपनी उम्मीदवारी वापिस ली-पार्टी.  ना मैंने कुछ कहा ना लिखा तो इसमें मेरा क्या रोल था या है? हरियाणवी स्क्रीट राईटर तुम ये फालतू की सी ग्रेड कहानी कहीं और लिखना. बिहारी सब समझतें हैं.


तेजस्वी के सलाहकार पर हमला

तेजप्रताप ने अपने ट्वीट में किसी का नाम तो नहीं लिखा लेकिन ये सब समझ रहे थे कि उन्होंने किस पर हमला बोला है. तेजप्रताप कह रहे हैं कि उन्होंने कुछ नहीं किया और ये सब कहानी तेजस्वी के सलाहकार संजय यादव ने रची है. तेजस्वी के लिए सियासी रणनीति बनाने वाले संजय यादव हरियाणा के रहने वाले हैं. तेजप्रताप पहले भी अपने भाई के सलाहकार पर निशाना साधते रहे हैं. वे संजय यादव पर कई गंभीर आऱोप लगा चुके हैं.

क्यों बौखलाये तेजप्रताप

सवाल ये भी है कि तेजप्रताप यादव क्यों बौखला गये. दरअसल तारापुर विधानसभा उप चुनाव में बडा दांव खेला था. तारापुर विधानसभा क्षेत्र में यादव वोटरों की तादाद अच्छी खासी है. राजद इस सीट से यादव उम्मीदवार को ही मैदान में उतारता रहा है. लेकिन इस दफे पार्टी ने अपना वोट बैंक बढाने के लिए वैश्य तबके के अरूण साह को मैदान में उतार दिया है. इसके बाद तेजप्रताप ने अपने करीबी संजय यादव को मैदान में उतार दिया. तेजप्रताप यादव की कोशिश ये थी कि राजद के आधार वोट में सेंध लग जाये. यादव वोटरों का 20 प्रतिशत भी अगर संजय यादव के साथ जाता तो तारापुर सीट से राजद की हार औऱ जदयू की जीत तय हो जाती. लेकिन तेजप्रताप के सेनापति ने नामांकन करने के अगले ही दिन मैदान छोड दिया. 

दिलचस्प बात ये है कि तारापुर से नामांकन करने के साथ ही संजय यादव ने कहा था कि वे तेजप्रताप के संगठन छात्र जनशक्ति परिषद के उम्मीदवार हैं औऱ तेजप्रताप उनका प्रचार करने आय़ेंगे. तब तेजप्रताप यादव ने एक बार भी उनके दावे का खंडन नहीं किया. ट्वीटर पर सफाई देने वे तभी उतरे जब उनका मोहरा पिट गया. तेजप्रताप अब डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनका बड़ा नुकसान हो चुका है.