मांझी को JDU का मूंहतोड़ जवाब, कहा ... दूसरे के पार्टी के साथ मिलकर दूसरे राज्य में बन सकते हैं मंत्री और राज्यपाल, तो टीचर में क्या समस्या

मांझी को JDU का मूंहतोड़ जवाब, कहा ... दूसरे के पार्टी के साथ मिलकर दूसरे राज्य में  बन सकते हैं मंत्री और राज्यपाल, तो टीचर में क्या समस्या

PATNA : पद के लिए भी डोमिसाइल होना चाहिए, ऐसा नहीं की बिहार का आदमी जाकर राज्यपाल बन जाए यूपी और मणिपुर में। डोमिसाइल निति बननी चाहिए  राज्य के अंदर तो जो युवा दूसरे राज्य में जाकर काम कर रहे हैं केद्रीय सेवा में यह भी बंद हो जाना चाहिए। क्या मतलब है ऊनि बातों का भाई की डोमिसाइल निति लागू करो, वो तो खुद एक देश एक कानून वाले के साथ खड़े हैं फिर इस तरह की बात करते हैं। यह सब फिजूल बातें हैं उनकी। यह बातें जीतन राम मांझी की मांग को लेकर जदयू के एमएलसी नीरज कुमार ने कही है। 


दरअसल, टीचर बहाली परीक्षा से डोमिसाइल निति खत्म होने के बाद घोषित हुए रिजल्ट को देखते हुए राज्य की विपक्षी पार्टी के तरफ से वापस से इस निति को लागू करने की मांग की जा रही है। ऐसे में जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए कहा कि वोट बिहारी का और नौकरी बाहरी का यह रूल सही नहीं है। इसलिए सरकार को तुरंत डोमिसाइल निति लागू कर देना चाहिए। अब इसी को लेकर नीरज कुमार ने अपनी नराजगी जाहिर की है। 


नीरज कुमार ने कहा है कि- अगर दूसरे राज्य में बिहार के छात्र जाकर परीक्षा दे सकते हैं और नौकरी कर सकते हैं तो फिर दूसरे राज्य के छात्र बिहार क्यों नहीं आ सकते हैं। अगर बंद करना है तो फिर तो यह भी बंद होना चाहिए यहां के युवा दूसरे राज्य में जाकर केंद्र की भी नौकरी न करें। जब छात्र कहीं भी परीक्षा दे सकता है तो कहीं भी नौकरी भी कर सकता है। 


इसके आगे उन्होंने कहा कि- बिहार के नेता अगर दूसरे राज्य के राज्यपाल बना सकते हैं दूसरे राज्य से राज्यसभा सांसद या सांसद बन सकते हैं तो इसमें क्या गलत है। क्या उस समय इन लोगों को डोमिसाइल नीति की याद नहीं आती है। इसलिए हमलोग उनकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। उनकी बातों में कोई तर्क नहीं रहता है। 


उधर, मांझी के तरफ से पैसा लेकर जॉब देने के आरोपों को लेकर कहा कि अगर पैसा लेकर नौकरी देने का आरोप लगाते हैं।  तो मांझी को इसका प्रमाण देना चाहिए वो हमें प्रमाण दें अगर उसके बाद एक्शन नहीं होता है तब न की दोषी हुआ या उन्हें इसका  प्रमाण  मिलेगा तभी न उनकी बातों को सच माना जाएगा। इसलिए उनकी बातें बेकार होती है उसका कोई मतलब नहीं होता है।