JAMUI: विद्या की देवी मां सरस्वती की पूजा 14 फरवरी को है। सरस्वती पूजा को शांति पूर्ण ढंग से संपन्न कराने को लेकर शांति समिति की बैठक बुलाई गयी। जिसमें झाझा के बीडीओ रवि कुमार भी शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने विवादित बयान देकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया।
झाझा बीडीओ रवि कुमार ने कहा कि मां सरस्वती जो है उसको लोग मां के रूप में नहीं भौजाई बना लिये हैं। समाज में जो छटुआ होता है ना वो हमेशा छटुआ रहेगा। फिर अपने बयान पर सफाई भी देने लगे। कहा कि लोगों को समझाने के लिए इस तरह का उदाहरण देना पड़ा।
शांति समिति की बैठक के बाद उन्होंने विवादित बयान दिया। हालांकि इसके बाद उन्होंने अपनी बात पर सफाई भी दी। कहा कि किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनका उद्धेश्य नहीं था। वे भी एक हिंदूवादी व्यक्ति हैं और सभी देवी-देवता का सम्मान करते हैं। झाझा बीडीओ रवि कुमार लोगों को यह बताना चाहते थे कि समाज में आज ऐसे भी लोग हैं जो सरस्वती माता की पूजा के नाम पर अश्लील हरकतें करते हैं और डीजे बजाते हैं। ऐसे लोगों को समझाने के लिए उन्होंने यह उदाहरण दिया था।
BDO के इस बयान को लोग गलत बता रहे हैं और उनसे माफी मांगने की बात कह रहे हैं। वही झाझा बीडीओ के इस विवादित बयान पर जमुई डीएम राकेश कुमार ने संज्ञान लिया है। डीएम ने कहा कि बीडीओ से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
दरअसल झाझा में सरस्वती पूजा को लेकर शांति समिति की बैठक आयोजित की गयी थी। जिसमें बीडीओ, थानाध्यक्ष और समाज के लोग भी मौजूद थे। झाझा बीडीओ ने कहा कि आज सरस्वती पूजा जिस तरह किया जाता है, वैसे हम कभी नहीं करते थे। मां सरस्वती के प्रति आस्था है जिसे हम झुठला नहीं सकते।
बीडीओ ने कहा कि किस हिंदू लॉ में लिखा है कि विसर्जन के दौरान रात 2 बजे डीजे बजाकर नाचना है। हम दूसरे धर्म के होते तो कह सकते थे कि हिन्दू धर्म को ठेस पहुंचाए हैं लेकिन हम भी हिंदू परिवार से आते हैं। बिना नहाए, पूजा किए खाना तक नहीं खाते हैं। आगे बीडीओ ने कहा कि कुछ दिन पहले ही अयोध्या में जैसा भक्तिमय माहौल था, वैसा ही माहौल होना चाहिए लेकिन आज घर-घर इतने लोग पूजा कर रहे हैं कि हमारे लिए सुरक्षा दे पाना मुश्किल होता है।
उन्होंने कहा कि विसर्जन के दौरान कोई ऐसा काम न करें जिससे किसी की धार्मिक या निजी भावना आहत हो। उन्होंने यह भी कहा कि इस दौरान किसी पर बेवजह अबीर-गुलाल न फेंके। झाझा बीडीओ रवि कुमार ने कहा कि मां सरस्वती जो है उसको लोग मां के रूप में नहीं भौजाई बना लिये हैं। समाज में जो छटुआ होता है ना वो हमेशा छटुआ रहेगा।