PATNA : ससंद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मास्टरमाइंड ललित झा के कारनामे ने बिहार के दरभंगा जिले के रामपुर उदय गांव के लोगों को हैरान कर दिया है। ललित झा दरभंगा के बहेड़ा थाने के रामपुर उदय गांव का ही मूल निवासी है। उसके पिता पंडित का काम कर रोजी-रोटी चलाते हैं, भाई बिजली मिस्त्री का काम करता है। संसद में घुसपैठ के बाद जब ललित झा का नाम और चेहरा सामने आया तो न परिवार के लोगों को इसका यकीन हुआ और ना ही गांव के लोगों को। हालांकि, ललित झा ने सरेंडर कर दिया है।
वहीं, इस पुरे घटना को लेकर ललित झा की माता मंजुला झा ने कहा कि- मेरा लड़का बहुत ही अच्छा है। यह कैसे हो गया, हमको समझ में कुछ नहीं आ रहा है। उन्होंने कहा कि- वो 10 दिसंबर को हम दोनो को दरभंगा के लिए ट्रेन पर बैठकर निकल गया। आज तक उसने यह बताया भी कहीं कि वो क्या सोच रहा है। इस तरह की कोई गतिविधि देखने को मिली। मुझे लगता है की उसे झूठ का फंसाया जा रहा है ,इसको लेकर हम न्यायालय की शरण मे जाएंगे। हमारा बेटा इस प्रकार का नहीं है। आप किसी से भी पूछ लीजिए।
इसके साथ ही ललित मोहन झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि- मेरा बेटा बहुत ही अच्छा लड़का है। पढ़ाई लिखाई के कारण मिथिलांचल परिषद से उसे पुरस्कार भी मिला था। वर्तमान में ललित ट्यूशन के साथ कोचिंग में भी पढ़ते थे। उसका किसी प्रकार का कोई खराब एक्टिविटी नहीं था। उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी हमें कल गिरफ्तारी होने के बाद किसी अन्य लोगों के द्वारा प्राप्त हुआ।
मालूम हो कि,संसद भवन के मास्टर माइंड ललित मोहन झा दरभंगा के अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के रामपुर उदय गांव निवासी पंडित देवानंद झा के तीन पुत्र है। तथा ललित मोहन झा पुत्रों में मझले भाई हैं। ललित मोहन झा की माता मंजुला झा अपने परिवार सहित कोलकाता में रहते थे। ललित झा ने कोलकाता महेश्वरी से बीए की पढ़ाई पूरी कर घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाया करता था। पिता कोलकाता में रहकर पुरोहित का काम करते हैं। पर्व त्योहार और खेती के मौके पर ललित झा और उसके परिवार का गांव में आना-जाना होता है। ललित झा का छोटा भाई बंगाल में ही बिजली मिस्त्री का काम करता है एक और भाई कपड़े की दुकान में काम करता है।
आपको बताते चलें कि, 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे। टीवी के सामने आई तस्वीरों और वीडियो में दोनों को केन से पीली गैस उडाते औऱ नारेबाजी करते दिख रहे थे। बाद में उन्हें पकड़ लिया गया था.सदन में घुसने वाले उन दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में की गई।
वहीं, अमोल शिंदे और नीलम देवी ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के केन से लाल-पीली गैस उड़ाई थी औऱ नारेबाजी की थी. वे दोनों भी पकड़े गये थे। बाद में पता चला कि इस घटना का मास्टरमाइंड कोई और है उसके बाद पुलिस जांच में पता चला कि इस मामले का मास्टरमाइंड ललित झा नाम का व्यक्ति है। ललित झा इस घटना के वक्त संसद के बाहर था. वह बाद में वहां से निकल भागा था। हालांकि बाद में वह गिरफ्तार कर लिया गया।