DESK : लोकसभा चुनाव को लेकर अब बहुत अधिक दिन नहीं बचे हैं। इसको लेकर देश की तमाम राजनीतिक पार्टी अपनी रणनीति तैयार करने में लगी हुई है। जहां सत्तारूढ़ दल भाजपा अपने एनडीए कुनबे को मजबूत कर रही है तो वहीं विपक्ष भी एकजूट होकर पीएम कैंडिडेट और कई मुद्दों की तलाश में जूट गई है। इस बीच अब विपक्ष को एकजुट करने में अहम् भूमिका निभा रहे नीतीश कुमार को यूपी की पूर्व सीएम मायावती का भी साथ मिल गया है। मायावती ने साथ में लोकसभा चुनाव लड़ने की बातों का एलान तो नहीं किया है। लेकिन, नीतीश कुमार के एक कार्य का काफी सराहना किया है और इसी काम को लेकर योगी और भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती का साथ मिला है। नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक जातीय गणना कराने की मंजूरी पटना हाई कोर्ट से मिलने के बाद अब मायावती ने भी देश में जातीय गणना की मांग की है।उन्होंने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ पूरे देश में कराए जाने की मांग की। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि अब जब पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार द्वारा की जा रही जाति जनगणना को मंजूरी दे दी है, तो अब ध्यान उत्तर प्रदेश पर है। जहां इसी तरह की जनगणना की मांग की जा रही है उन्होंने कहा कि बसपा चाहती है कि पूरे देश में जातीय जनगणना हो।
मायावती ने कहा है कि देश के कई राज्य में जातीय जनगणना के बाद यूपी में भी इसे कराने की माँग लगातार ज़ोर पकड़ रही है, किन्तु वर्तमान बीजेपी सरकार भी इसके लिए तैयार नहीं लगती है, यह अति-चिन्तनीय, जबकि बीएसपी की माँग केवल यूपी में नहीं बल्कि केन्द्र को राष्ट्रीय स्तर पर भी जातीय जनगणना करानी चाहिए।
इसके आगे उन्होंने कहा है कि - . देश में जातीय जनगणना का मुद्दा, मण्डल आयोग की सिफारिश को लागू करने की तरह, राजनीति का नहीं बल्कि सामाजिक न्याय से जुड़ा महत्त्वपूर्ण मामला है। समाज के गरीब, कमजोर, उपेक्षित व शोषित लोगों को देश के विकास में उचित भागीदार बनाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने के लिए ऐसी गणना जरूरी।
=आपको बताते चलें कि, इससे पहले मायावती ने कहा था कि यूपी विधानसभा के कल से शुरू हो रहे सत्र में सरकार आमजनहित के जरूरी मुद्दों जैसे बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी तथा सड़क, बिजली, पानी, शान्ति-व्यवस्था व सुरक्षा आदि की बदहाल स्थिति के बारे में विशेष जिम्मेदारी का परिचय दे, क्योंकि इनको लेकर लोगों का जीवन त्रस्त व अस्त-व्यस्त।