लॉकडाउन में पटना पहुंचाने के लिए एंबुलेंस वाले ने मांगे 5 हजार रुपये, मासूम प्रिंस ने बिना इलाज तोड़ा दम

लॉकडाउन में पटना पहुंचाने के लिए एंबुलेंस वाले ने मांगे 5 हजार रुपये, मासूम प्रिंस ने बिना इलाज तोड़ा दम

MOTIHARI : स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की बड़ी खबर मोतिहारी से है। जहां एम्बुलेन्स नहीं मिलने से एक मासूम की मौत हो गयी है।ब्लड कैंसर से जूझ रहे तीन वर्षीय मासूम प्रिंस को पटना जाने के लिए एम्बुलेंस कर्मियों ने पांच हजार रुपये की मांग की । वहीं डॉक्टर ने भी मोतिहारी तक एंबुलेंस को देने की बात कह मामले को टाल दिया। पटना के महावीर कैंसर संस्थान में बच्चे का इलाज चल रहा था लेकिन लॉकडाउन और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने मिलकर बच्चे की जान ले ली।


घटना पूर्वी चम्पारण के कल्याणपुर पीएचसी की है। ब्लड कैंसर से जूझ रहे तीन वर्षीय मासूम प्रिंस को पटना जाने के लिए एम्बुलेंस कर्मियों ने पांच हजार रुपये की मांग की जबकि ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने एंबुलेंस को मोतिहारी तक ही देने की बात कर टाल दिया। नतीजतन इलाज के इंतजार में दादा के गोद में ही मासूम प्रिंस ने अंतिम सांस ली, और उसके परिजन देखते और हाथ मलते रहे गये।


कल्याणपुर प्रखंड के राजपुर आजादनगर के मुन्ना कुमार का तीन वर्षीय पुत्र पिंस कुमार कैंसर से पीड़ित था। परिजन उसका इलाज महावीर कैंसर अस्पताल में इलाज करा रहे थे। गरीबी से जूझते परिवार के सामने दु:ख का बडा पहाड़ खडा था। इलाज के बीच में ही परिजन डॉक्टरों के कहने पर प्रिंस को लेकर घर आ गये थे। कोरोना बन्दी के बीच जहां उसकी हालत खराब होने पर कल्याणपुर पीएचसी लाये। डॉक्टर ने अपनी विवशता को बताते हुए मोतिहारी सदर अस्पताल रेफर कर दिया। लेकिन परिजन जानते थे कि उसका इलाज पटना में ही हो सकता है, जिसपर परिजनों ने डॉक्टर से पटना जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की। जहां डॉक्टर ने अपनी विवशता बतायी.। वहीं कल्याणपुर पीएचसी के एंबुलेंस कर्मी ने उसे पटना ले जाने के लिए पांच हजार रुपये की मांग की। 


गरीबी की हालत में पांच हजार रुपये बहुत बडी रकम होने के कारण परिजन प्रिंस को अपने भाग्य पर कोसते हुए घर ले कर चले गये। घर पर ही प्रिंस ने अपने दादा के गोद में अन्तिम सांस ली। कोरोना बन्दी के बीच एम्बुलेन्स नहीं मिलने के कारण प्रिंस को इलाज नहीं मिल सका और वह मौत का शिकार बन गया। इधर प्रिंस के पिता मुन्ना बताते है कि तीन साल के बेटे को ब्लड कैंसर था और उसका इलाज पटना के महावीर कैंस अस्पताल में चल रहा था। हालत खराब होने पर कल्याणपुर पीएचसी से पटना ले जाने के लिए एम्बुलेंस नहीं मिला। जबकि एम्बुलेन्स के कर्मी उससे पांच हजार रुपये की मांग कर रहे थे। 


वहीं कल्याणपुर पीएचसी के चिकित्सक डॉ मोहित कुमार ने कहा कि नियम के अनुसार कल्याणपुर पीएचसी से मोतिहारी सदर अस्पताल के लिए एंबुलेंस दिया जाता है। लेकिन परिजन पटना जाने की बात कर रहे थे। वहीं उन्होनें  एम्बुलेन्स कर्मियों के पांच हजार रुपये की मांग पर अनभिज्ञता जाहिर की।