JAMUI :चाचा-चाची ने रिश्तों की सारी मर्यादा को तार-तार करते हुए भतीजी को दलालों के हाथ बेच दिया था। नाबालिग युवती को नशीला समोसा खिला कर बेहोश कर दिया। इसके बाद दलालों की मदद से उसे दिल्ली की एक फैक्ट्री में मजदूरी करने के लिए बेच दिया । एक साल पहले की ये घटना है लेकिन अब लॉकडाउन में घर लौटे मजदूरों ने बेटी को अपनी मां से मिलवा दिया है। मां-बाप बेटी से मिलने के लिए बेकरार है लेकिन उन्हें अभी लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार करना पड़ेगा।
एक साल पहले चकाई थानाक्षेत्र के धमनाडीह गांव में एक नाबालिग युवती को नशीला समोसा खिलाकर उसकी सगे चाचा-चाची ने गांव के कुछ दलाल की मदद से उसे दिल्ली में बेच दिया। एक साल बाद वो मिली है। लॉकडाउन में घर आए कुछ मजदूरों ने लड़की की तस्वीर उसकी मां को दिखाते हुए उसकी पहचान करवाई। तस्वीर देखते ही मां फफक-फफक कर रो पड़ी । इसके बाद युवकों ने फोन पर मां की बेटी से बात करवायी। बेटी दिल्ली के एक फैक्ट्री में है। मां-बाप ने बेटी का पता चलने के बाद स्थानीय थाने से गुहार लगायी लेकिन थाना ने अभी लॉकडाउन का हवाला देकर इंतजार करने को कहा है।
लड़की के पिता बसंत तुरी और मां फुलवा देवी ने बताया कि उनकी बेटी पिंकी कुमारी से जब फोन पर बात हुई तो पता चला कि उसके चाचा मनोज तुरी और चाची गुंगरी देवी गांव के ही कुलदीप तुरी की मदद से उसे दिल्ली में बेच डाला है। पिंकी जहां काम करती है उसके काम का सारा पैसा दलाल और उसके चाचा मनोज तुरी आपस में बांटते हैं।
इधर काम कर रही लड़की के बारे में उसके मालिक ने दिल्ली पुलिस को भी सूचना दी है। फैक्ट्री मालिक के द्वारा बताया गया कि उसके फैक्ट्री में काम करने वाली एक लड़की को जबरन यहां लाकर बेचा गया है। फैक्ट्री मालिक की बात पर दिल्ली पुलिस ने उसे लॉकडाउन तक अपने फैक्ट्री में ही रखने की बात कहते हुए उसकी दलाली करने वाले की तालाश करने का आश्वासन दिया।