लॉकडाउन में देश को 8 लाख करोड़ का नुकसान, कोरोना ने हर दिन भारतीय अर्थव्यवस्था को लगाया 35000 करोड़ का चूना

लॉकडाउन में देश को 8 लाख करोड़ का नुकसान, कोरोना ने हर दिन भारतीय अर्थव्यवस्था को लगाया 35000 करोड़ का चूना

DELHI : कोरोना के खिलाफ जंग जीतने के लिए लॉकडाउन की मियाद बढ़ा दी गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना को हराने के लिए अब देशभर में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि अगर हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। पीएम मोदी ने ये भी कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है। एक रेटिंग एजेंसी के मुताबिक लॉकडाउन के पहले चरण के लॉकडाउन से  इंडियन इकोनॉमी को करीब 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है।


लॉकडाउन के दौरान अधिकतर कंपनियां, उद्योग-धंधे बंद रहे, उड़ान सेवाएं निलंबित रहीं और ट्रेनों के पहिए थमे रहे। वहीं, लोगों और वाहनों की आवाजाही भी बंद रही। इस लॉकडाउन की वजह से भारत की 70 फीसदी आर्थिक गतिविधियां थम गईं। एक रेटिंग एजेंसी एक्यूट रेटिंग्स ऐंड रिसर्च लिमिटेड ने इससे पहले अनुमान जताया था कि लॉकडाउन की वजह से भारतीय अर्थव्यवस्था को हर दिन करीब 35,000 करोड़ रुपये का नुकसान होगा। इस तरह देखा जाए तो 21 दिन के पूरे लॉकडाउन की अवधि में जीडीपी को 7 से 8 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।


लॉकडाउन के दौरान केवल जरूरी सामान और कृषि, खनन, यूटिलिटी सेवाओं और कुछ वित्तीय एवं आइटी सेवाओं को चलाने की ही इजाजत दी गई थी। भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से ही सुस्त थी और ऐसे में आई कोरोना महामारी ने इसे बिल्कुल पस्त कर दिया है।तमाम रेटिंग एजेंसियों ने इस वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाकर 1.5 से 2.5 फीसदी के काफी निचले स्तर पर कर दिया है।