DESK: जमीन के बदले नौकरी केस में दिल्ली स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में आज राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती कोर्ट से बड़ी रहत मिली है. कोर्ट ने तीनो कि जमानत दे दिया है. वहीं सीबीआई ने इसका विरोध भी नहीं किया. अब अगली सुनवाई 29 मार्च को होगी.
कोर्ट ने इस मामले में सभी को 50-50 हज़ार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है. जमीन के बदले नौकरी केस में लालू, राबड़ी और अन्य 14 के खिलाफ CBI ने आपराधिक षडयंत्र रचने और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. जहां आज इस मामले में लालू यादव के परिवार की दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई. सुनवाई के लिए लालू यादव पेशी के लिए व्हीलचेयर पर CBI कोर्ट पहुंचे.
बता दें यह मामला लालू प्रसाद के परिवार को तोहफे में जमीन देकर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर नौकरी पाने से संबंधित है. यह मामला तब का है, जब लालू प्रसाद 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री थे. CBI ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि भर्ती के लिए भारतीय रेलवे के निर्धारित मानदंडों और प्रक्रियाओं का उल्लंघन करते हुए रेलवे में अनियमित नियुक्तियां की गईं. जिसके लिए बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने करीबी रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों के माध्यम से तत्कालीन रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों को प्रचलित बाजार दरों के पांचवें हिस्से तक अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची.
मालूम हो कि, यह मामला लालू यादव के साल 2004 से 2009 तक के रेल मंत्री के कार्यकाल का है. उस वक्त बगैर किसी विज्ञापन के कई लोगों को रेलवे में ग्रुप D पद पर नौकरी दी गई. आरोप है कि नौकरी देने के बदले उनके या परिवार के सदस्यों से जमीन लिखवाई गई. ये जमीन राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और दिल्ली की एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम पर 5 सेल डीड और 2 गिफ्ट डीड के जरिए ट्रांसफर की गई.