PATNA: बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने बालू माफिया को संरक्षण देने वाले राजद के आगे घुटने टेक दिये हैं इसलिए पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर लगातार जानलेवा हमले होने के बाद भी न माफिया पर कड़ी कार्रवाई होती है और ना ही राजद के बड़बोले मंत्रियों पर शिकंजा कसा जाता है।
सुशील मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री को खनन विभाग अपने पास रखना चाहिए और माफिया से लड़ते बलिदान हुए दारोगा प्रभात रंजन के आश्रितों को 1 करोड रुपये की विशेष अनुग्रह राशि देनी चाहिए। जमुई में बालू माफिया के लोगों ने ट्रैक्टर से कुचल कर दारोगा की हत्या कर दी, जबकि राजद कोटे के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को इस घटना की जानकारी नहीं थी और उन्हीं की पार्टी के मंत्री चंद्रशेखर इसे रुटीन क्राइम बता कर हत्यारों का बचाव करते रहे।
उन्होंने कहा कि बालू माफिया ने सारण, औरंगाबाद से जमुई तक पूरे खनन क्षेत्र में इस साल के 11 महीनों में 12 बड़े हमले किये। जमुई में केवल दारोगा प्रभात रंजन को नहीं, बिहार पुलिस का मनोबल कुचलने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि राजद की पोलिटिकल फंडिग कर बालू माफिया पुलिस ही नहीं, नीतीश सरकार पर दबाव बनाने की स्थिति में आ गया है, इसलिए सशस्र खनन पुलिस बल के गठन और ड्रोन से निगरानी की डपोरशंखी घोषणाएं लागू नहीं हो पायी।
सुशील मोदी ने कहा कि लालू और बालू का पुराना रिश्ता नीतीश कुमार के पलटी मारने और राजद के सत्ता में आने से खनन क्षेत्र में अपराध बढने का कारण बन गया। सत्ता-संरक्षित बालू माफिया के कारण इस सरकार के 14 महीनों में गैंगवार, पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों पर हमले की 50 से अधिक घटनाओं में दो दर्जन लोग मारे जा चुके हैं। गैंगवार में हजारों राउंड गोलियां चलीं और दो दर्जन पोकलेन मशीनें फूंकी गई।