लालू के आशीर्वाद से मिली पहचान, बोली कांग्रेस ... ठाकुर नहीं है कोई जाती, समाज में उन्माद फैलाना आनंद मोहन का पुराना काम

लालू के आशीर्वाद से मिली पहचान, बोली कांग्रेस ... ठाकुर नहीं है कोई जाती, समाज में उन्माद फैलाना आनंद मोहन का पुराना काम

PATNA : लालू जी का आशीर्वाद नहीं होता तो आनंद मोहन कभी जेल से बाहर नहीं आते। लालू जी की ही देन है जो आनंद मोहन आज जेल से बाहर हैं और मीडिया में बयान दे रहे हैं। इसलिए समझ में उन्माद फैलाने की कोशिश नहीं करें। वह और उनके बेटे चेतन आनंद समाज में जानबूझकर ऐसी बयान बाजी कर रहे हैं जिससे आक्रोश बढ़ेगा। यह बातें कांग्रेस के विधायक प्रतिमा कुमारी ने कही है।


दरअसल, पिछले दिनों महिला आरक्षण बिल के दौरान रजत के राज्यसभा सांसद मनोज झा के तरफ से सदन में महिला आरक्षण बिल पर अपनी बातों को रखते हुए ठाकुरों पर एक कविता पढ़ी गई थी। अब इसी कविता को लेकर बिहार और यूपी के सियासत काफी गर्म हो चुकी है। इतना ही नहीं मनोज झा के ही पार्टी के विधायक चेतन आनंद और पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन ने इनके खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। अब इसी बात को लेकर कांग्रेस की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। कांग्रेस के विधायक ने कहा है कि - हमारे अंदर भी ठाकुर है, आपके अंदर भी ठाकुर है और उनके अंदर भी ठाकुर है। जिन्होंने यह कविता लिखी है उनका ठाकुर से मतलब यह है कि - जो शोषण करने वाले लोग हैं। जो गरीब दलित वंचित और शोषित समाज का शोषण करते हैं वह ठाकुर है। ठाकुर कोई जाति नहीं होता है।


इसके आगे प्रतिमा कुमारी ने कहा कि -ठाकुरों पर बयान बाजी कर कर देश के राजनीतिक माहौल को बिगाड़ना, देश के भाईचारा को बिगाड़ना आनंद मोहन और चेतन आनंद को शोभा नहीं देता है। उनको इस तरह जात-पात में लोगों को बताकर देश में उन्माद और राज्य में उन्माद पैदा नहीं करना चाहिए।


कांग्रेस विधायक ने कहा है कि- आनंद मोहन की तो यह आदत रही है उन्माद फैलाना। पहले उन्होंने एक दलित अधिकारी की हत्या भी की थी। उनके उसे गाने पर हत्या हुई थी इसके लिए उनको बहुत लंबा जेल का सजा भी काटना पड़ा। लालू जी का ही दिन है कि वह जेल से बाहर आए हैं और और उनके परिवार को एक बार फिर से एक राजनीतिक प्लेटफार्म मिला है। नहीं तो उन्होंने बहुत सारी पार्टी बनाई बहुत सारे राजनीतिक पार्टी में गए कहीं उनका कोई प्लेटफार्म नहीं मिला। आज उनका फिर से राजनीतिक में पदार्पण हुआ है तो मेरा यही कहना है कि आप सभी समाज को एक साथ लेकर चलें आप ठाकुर बात छोड़िए भाईचारा के साथ समाज में रहिए। 


इधर, लालू यादव से आनंद मोहन की मुलाकात नहीं होने को लेकर कांग्रेस विधायक ने कहा कि - यदि लालू यादव नहीं होते तो उनकी कोई राजनीतिक पहचान भी नहीं होती। उनको पहचानता कौन, कहां रहते आज के दौर में। मैं सभी सिर्फ आगरा करता हूं बिहार में जितने राजपूत समाज के नेता हैं कि आप भाईचारा के साथ रखिए और इन सब बातों पर अधिक ध्यान मत दीजिए।