लालू दरबार में कांग्रेसियों की नहीं हो पायी एंट्री, विधान परिषद चुनाव में गठबंधन के लिए तेजस्वी का इंतजार

लालू दरबार में कांग्रेसियों की नहीं हो पायी एंट्री, विधान परिषद चुनाव में गठबंधन के लिए तेजस्वी का इंतजार

PATNA : विधानसभा उपचुनाव के दौरान अकेले अपने दम पर ताल ठोकने वाले कांग्रेसियों को इन दिनों ठंड के मौसम में पसीना आ रहा है. दरअसल, विधान परिषद चुनाव में आरजेडी से गठबंधन के लिए दिल्ली में डेरा डाले बैठे बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे नेताओं को लालू प्रसाद यादव तरजीह नहीं दे रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा जब दिल्ली गए थे तब यह खबर आई थी कि वह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात करेंगे. 


इस मुलाकात के दौरान परिषद चुनाव में गठबंधन को लेकर सहमति बनाने की कोशिश होगी लेकिन लालू दरबार में कांग्रेसियों की एंट्री नहीं हो पाई. सूत्रों की मानें तो मदन मोहन झा और दूसरे कांग्रेसी लालू यादव से मुलाकात करना चाहते थे. मुलाकात के लिए वक्त भी मांगा गया लेकिन उन्हें समय नहीं मिल पाया.


आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव अपनी बेटी मीसा भारती के आवास पर रहे हैं. लालू से मुलाकात करने वाले नेताओं में इन दिनों ज्यादातर ऐसे चेहरे हैं जो विधान परिषद का चुनाव लड़ना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस के नेताओं से लालू यादव ने मुलाकात नहीं की है. सूत्रों की माने तो लालू यादव फिलहाल कांग्रेस को कोई भरोसा नहीं देना चाहते. वह अपने बेटे तेजस्वी यादव की वापसी का इंतजार कर रहे हैं. 


तेजस्वी यादव विदेश दौरे पर हैं और उनके वापस आने के बाद ही कांग्रेस के नेताओं से कोई बातचीत हो सकती है. लालू यादव ने इसी वजह से कांग्रेस के नेताओं को मिलने का वक्त नहीं दिया. दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस को लालू ने ही ज्यादा सीटें दे डाली थी. तेजस्वी यादव चुनाव नतीजों के बाद इस पर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर चुके हैं. लेकिन विधानसभा उपचुनाव के बाद अब लालू का मिजाज भी बदला बदला है.


विधान परिषद के चुनाव में गठबंधन को लेकर लालू यादव और तेजस्वी यादव से कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व बातचीत नहीं कर रहा है. लालू यादव भी संभवत प्रदेश के नेताओं से कोई बातचीत नहीं करना चाहते. दूसरी तरफ से उपचुनाव के दौरान लालू यादव ने जिस तरह बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के ऊपर टिप्पणी की थी उसके बाद बिहार प्रभारी के साथ उनकी मुलाकात हो पाए इसमें बड़ा पेच लगता है. 




लालू यादव की राजनीति को समझने वाले लोग जानते हैं कि अगर उन्हें कोई डील करनी भी हुई तो वह सोनिया और राहुल से बात करेंगे ना कि भक्त चरण दास और बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से. कांग्रेस के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव से मुलाकात नहीं होने के बाद भक्त चरण दास मदन मोहन झा और बिहार से राज्यसभा सांसद अखिलेश यादव ने अलग से मीटिंग की है. इस बातचीत में तय हुआ है कि 28 जनवरी को दिल्ली में बड़े नेताओं के साथ बैठक को हो जिसमें परिषद चुनाव को लेकर अंतिम फैसला किया जाए.