लालू से दुश्मनी मोल लेने वाले आनंद मोहन के घर जायेंगे नीतीश कुमार, महागठबंधन में हो रहा कौन सा खेल?

लालू से दुश्मनी मोल लेने वाले आनंद मोहन के घर जायेंगे नीतीश कुमार, महागठबंधन में हो रहा कौन सा खेल?

PATNA: क्या बिहार के महागठबंधन में सब कुछ ठीक चल रहा है? ये सवाल फिर से उठ खड़ा हुआ है. ‘ठाकुर’ प्रकरण में लालू यादव और राजद से खुली दुश्मनी मोल लेने वाले आनंद मोहन को नीतीश का खुला साथ मिला है. नीतीश कुमार अब आनंद मोहन की मां से आशीर्वाद लेने और उनके बेटे-बहू को आशीर्वाद देने आनंद मोहन के पैतृक गांव जा रहे हैं.


27 अक्टूबर को आनंद मोहन के घर जायेंगे नीतीश

आनंद मोहन कैंप से मिली जानकारी के मुताबिक नीतीश कुमार 27 अक्टूबर को सहरसा के दौरे पर जा रहे हैं. आनंद मोहन के गांव पंचगछिया में उनका कार्यक्रम है. नीतीश कुमार वहां एक आम सभा को संबोधित करेंगे. उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री का आनंद मोहन के घर जाने का कार्यक्रम है. वे आनंद मोहन के घर जाकर उनके बेटे-बहू, बेटी-दामाद को आशीर्वाद देंगे और आनंद मोहन की मां से आशीर्वाद लेंगे. 


महागठबंधन में सब ठीक है?

बता दें कि आनंद मोहन और उनके बेटे चेतन आनंद ने ‘ठाकुर’ प्रकरण पर लालू-तेजस्वी और राजद से खुली दुश्मनी मोल ली थी. आनंद मोहन ने राज्यसभा में ठाकुर वाली कविता पढ़ने वाले राजद सांसद मनोज झा की जीभ उखाड़ लेने का एलान किया था. आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद राजद के विधायक हैं. लेकिन वे भी अपनी पार्टी को खुली चुनौती दे रहे थे. वह भी तब लालू-तेजस्वी खुलकर अपने सांसद मनोज झा के साथ थे. 


अब सवाल ये उठ रहा है कि लालू-तेजस्वी को चुनौती देने वाले आनंद मोहन के पैतृक गांव जाकर नीतीश कुमार क्या संदेश देना चाहते हैं. सूत्रों के मुताबिक पिछले 5 अक्टूबर को आनंद मोहन ने नीतीश कुमार से उनके आवास पर मुलाकात की थी. उसी दौरान आनंद मोहन ने उन्हें अपने गांव आने का न्योता दिया था. वैसे नीतीश कुमार का कार्यक्रम इस नाम पर लिया गया है कि वे आनंद मोहन के गांव पंचगछिया में स्वतंत्रता सेनानी रामबहादुर सिंह और पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी की प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे. 


लेकिन चर्चा यही है कि नीतीश कुमार को अपने घर बुलाकर आनंद मोहन अपनी हैसियत दिखाना चाह रहे हैं. उधर, नीतीश कुमार भी लालू-तेजस्वी को मैसेज दे रहे हैं कि वे राजद के कहे अनुसार नहीं चलेंगे. सूत्र बताते हैं कि आनंद मोहन के गांव जाने का नीतीश के फैसले के पीछ असली मकसद लालू-तेजस्वी को मैसेज देना ही है.