ललन सिंह के भोज के लिए 800 खस्सी कहां काटे गये? किसने काटा? सरकार को कितना टैक्स मिला? विजय सिन्हा ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

ललन सिंह के भोज के लिए 800 खस्सी कहां काटे गये? किसने काटा? सरकार को कितना टैक्स मिला? विजय सिन्हा ने सरकार से पूछे तीखे सवाल

PATNA: JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की मीट-भात की पार्टी पर सियासी घमासान जारी है. नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने ललन सिंह की मीट पार्टी पर सरकार से तीखे सवाल पूछे हैं. विजय सिन्हा ने कहा-मुंगेर में ललन सिंह की मीट-भात की पार्टी में 8 टन मीट आया. यालि लगभग 800 खस्सी काटे गये होंगे. ये खस्सी कहां कटा और किसने काटा? क्या सरकारी नियमों के मुताबिक उसकी जांच की गयी थी? क्या मीट सप्लाई करने वाले ने जीएसटी भरा? क्या 32 हजार लोगों को मटन भोज के लिए जुटाने के लिए प्रशासन से स्वीकृति ली गयी थी? 


लगभग दो सप्ताह पहले जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने मुंगेर में मीट-भात का भोज दिया था. इसमें 32 हजार लोगों के आने और उनके लिए 8 टन मीट का इंतजाम होने की बात कही जा रही है. विजय सिन्हा ने पहले ही इस भोज पर हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि ललन सिंह के भोज के समय मुंगेर से ढ़ेर सारे कुत्ते गायब हो गये थे. इसके बाद जेडीयू की ओर से उन्हें लीगल नोटिस भेजा गया था. लेकिन विजय सिन्हा ने आज फिर ललन सिंह की पार्टी पर ताबड़तोड़ सवाल दागे।


न्यायिक जांच कराने की मांग

विजय सिन्हा ने मीट-भात पार्टी की न्यायिक जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि जेडीयू के लोग मुझे नोटिस भेज रहे हैं. इससे मैं डरने वाला नहीं हूं. सरकार इस मीट-भात की पार्टी की न्यायिक जांच कराये. सच सामने आ जायेगा. विजय सिन्हा ने कहा कि मुंगेर के लोगों मीट पार्टी के बारे में जो मुझे बताया था मैंने उसकी ही चर्चा की थी. मुझे ये जानकारी मिली है कि 80 हजार लोगों को 8 टन मीट खिलाया गया. अब सरकार और मुंगेर के डीएम मेरे सवालों का जवाब दें. विजय सिन्हा ने मुंगेर के डीएम को पत्र भी भेजा है।


विजय सिन्हा ने पूछे ये सवाल

1.    क्या 32 हजार लोगों की मीट-भात पार्टी करने की अनुमति प्रशासन से ली गयी थी. 

2.    पार्टी में जुटी भीड को नियंत्रित रखने के लिए प्रशासन ने क्या आदेश जारी किया था

3.    लोगों ने मुझे बताया है कि 8 टन मीट आया है. इतने मीट का दाम 40 लाख रुपए से ऊपर होगा.  बाकी के खाने में और पैसा लगा होगा. क्या इसके जीएसटी का भुगतान हुआ है. अगर हुआ है तो किसने किया है. 

4.    8 टन मीट के लिए काफी बडे पैमाने पर जानवरों को मारा गया होगा. मुंगेर निगम क्षेत्र में इतने मीट के लिए मारे गये जानवरों का परीक्षण किस पशु चिकित्सक किस खाद्य पधाधिकारी से करवाया गया था? उसका प्रमाण पत्र कहां है?

5.    मुंगेर में इतने बड़े पैमाने पर जानवरों को काटने और सप्लाई करने वाले कौन लोग थे?

6.    जानकारी मिली है कि मीट-भात भोज के लिए मुंगेर- लखीसराय के पदाधिकारियों और ठेकेदारों से पैसे की वसूली हुई है. क्या इसकी जांच की गयी है. 

7.    अगर इस भोज में सरकारी नियमों की अवहेलना हुई है तो किन-किन के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. जरूर दाल में काला है।


विजय सिन्हा ने कहा कि ललन सिंह की मीट पार्टी को लेकर मैंने इशारों कें कुछ कहा था. लेकिन उनकी बेचैनी बढ़ गयी. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने पार्टी के जिलाध्यक्ष से मुझे नोटिस भिजवाया है. इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है. सरकारी नियमों के मुताबिक मीट के लिए किसी जानवर को स्लाउटिंग हाउस के बाहर नहीं मारा जा सकता है. वेटनरी डॉक्टर को इसकी व्यवस्था देखनी है.  वेटनरी डॉक्टर एक दिन में 96 जानवर को ही चेक कर सकता हॉ.  इसका सर्टिफिकेट दिया जाता है. सरकार ये बताये कि इन नियमों का पालन किया गया या नहीं. विजय सिन्हा ने कहा कि वे इस मामले को सदन से लेकर सड़क तक उठायेंगे।