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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 18 Aug 2025 06:20:00 PM IST
प्रतिकात्मक - फ़ोटो google
Bihar News: भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा), बिहार ने मध्यस्थता मंच के माध्यम से वादों के निपटारे हेतु एक अति महत्वपूर्ण परिवर्तन किया है। अब से शिकायतवादों के लिए उन्हीं मामलों को भेजा जाएगा जहां पर शिकायतकर्ता इस बात के उल्लेख अपने आवेदन में करेंगे। इस आशय की घोषणा रेरा बिहार के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने की और उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य शिकायतकर्ताओं को उनकी मर्जी से अपनी समस्या के निष्पादन का रास्ता चुनने देना है एवं शिकायतवादों का त्वरित निष्पादन है।
इस नए नियम के लागू होने से पहले जितने भी शिकायतवाद प्राधिकरण में दर्ज होते थे उन्हें पहले मध्यस्थता मंच में भेजा जाता था और यह प्रक्रिया विफल होने पर ही मामले को शिकायतवाद के रूप में प्राधिकरण के विभिन्न पीठों को भेजा जाता था जहाँ सुनवाई के पश्चात निर्णय सुनाये जाते थे।
नयी व्यवस्था में शिकायतवाद दायर करने समय शिकायतकर्ता को शिकायत दर्ज करने के समय ही यह विकल्प दिया जाएगा की वो मध्यस्थता मंच में अपने मामले को ले जाना चाहते हैं की नहीं। जो शिकायतकर्ता इस विकल्प को नहीं चुनेंगे उनके मामले सीधे प्राधिकरण के किस पीठ को सुनवाई हेतु भेजी जाएगी।
रेरा बिहार ने मध्यस्थता मंच की शुरुआत वर्ष 2022 में की थी और इसका मुख्य उद्देश्य आपसे समझौते से वादों का निपटारा करना था। तीन वर्ष में यह बात छन कर सामने आये की मध्यस्थता तभी सफल हो पाती है जब दोनों पक्ष आपसी समझौता चाहते हों अन्यथा मामला शिकायतवाद के माध्यम से ही सुलझता है।
यहां यह बता देना जरूरी है कि नयी व्यवस्था लागू होने से पहले जो वाद दायर किये जा चुके हैं उन्हें पहले मध्यस्थता मंच के माध्यम से सुलझाने की कोशिश की जायेगी एवं 18 अगस्त के पश्चात जो वाद दायर होंगे सिर्फ उनमे शिकयतकर्ता को ये विकल्प दिया जाएगा की वो मध्यस्थता के माध्यम से सुलह चाहते हैं की नहीं।